आतंकी हमले के मृतकों को मदरसा माहदुल उलूमिल इस्लामिया में दी गई श्रद्धांजलि, दो मिनट का मौन, सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग

बिजनौर (शारिक ज़ैदी)।

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की याद में मदरसा माहदुल उलूमिल इस्लामिया में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मदरसे के छात्रों, शिक्षकों तथा स्थानीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और गहरी संवेदना व्यक्त की।

कार्यक्रम की शुरुआत मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दुआ के साथ हुई। इसके बाद दो मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया गया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभा के दौरान माहौल गमगीन रहा और हर किसी की आंखों में आतंकवाद की बर्बरता के प्रति गहरा आक्रोश दिखाई दिया।

मदरसे के प्रबंधक मौलाना डॉ. फुरकान मेहरबान अली अल मदनी ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने कहा, "आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसके खिलाफ सभी समुदायों और वर्गों को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और सरकार से अब निर्णायक कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है। मौलाना ने कहा, "समय आ गया है कि आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं और देशवासियों को यह भरोसा दिलाया जाए कि आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई अटल है।"

श्रद्धांजलि सभा के समापन पर देश में अमन-चैन और स्थायी शांति के लिए दुआ की गई। उपस्थित लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहने का संकल्प भी लिया।
कार्यक्रम के दौरान 'भारत ज़िंदाबाद', 'आतंकवाद मुर्दाबाद' जैसे नारे गूंजते रहे, जिससे माहौल में देशभक्ति का जज़्बा भी साफ महसूस किया गया।
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