हरदोई में एआईबीईए का 80वाँ स्थापना दिवस, इतिहास, संघर्ष और एकजुटता का जश्न, धूमधाम से हुआ संपन्न

हरदोई में यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन ने अपने मूल राष्ट्रीय संगठन एआईबीईए का 80वें स्थापना दिवस पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया।

आज आयोजित भव्य समारोह में एआईबीईए के सदस्यों, नेताओं और समर्थकों ने संगठन की ऐतिहासिक उपलब्धियों को याद किया। 1946 में शुरू हुआ यह आंदोलन उस समय के शोषणकारी कार्य वातावरण के खिलाफ था, जब कर्मचारियों को कम वेतन, असुरक्षित नौकरियाँ और भाई-भतीजावाद का सामना करना पड़ता था।

1966 से 2024 तक, 12 द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से वेतन, सेवा शर्तों और कर्मचारियों के सम्मान में क्रांतिकारी सुधार हुए। एआईबीईए एकमात्र ट्रेड यूनियन है जिसने सभी समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो इसकी एकता और नेतृत्व को दर्शाता है।वर्तमान में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का खतरा सबसे बड़ी चुनौती है।

समारोह में वक्ताओं ने एआईबीईए ने कर्मचारियों से इस एजेंडे को विफल करने और बैंकिंग प्रणाली की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की। वक्ताओं ने वेतन आयोग की वकालत को खारिज करते हुए द्विपक्षीय समझौता प्रणाली को कर्मचारियों के हितों के लिए सबसे प्रभावी बताया।

वक्ताओं ने कहा कि यह स्थापना दिवस अतीत की उपलब्धियों पर गर्व करने, वर्तमान की चुनौतियों को समझने और भविष्य के लिए संघर्ष का संकल्प लेने का अवसर रहा। एआईबीईए अपने संस्थापकों की दूरदृष्टि को नमन करता है और सभी सदस्यों से एकजुटता के साथ आगे बढ़ने का आह्वान करता है। संगठन अपने समर्थकों और सहयोगियों का उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करता है।

अंत में सभी ने सामूहिक सौदेबाजी और द्विपक्षीयता बनाये रखने व सार्वजनिक क्षेत्र की बैंको को बचाये रखने का संकल्प लिया। आयोजन में प्रमुख रूप से राकेश पाण्डेय, वेद प्रकाश पाण्डेय, वर्षा मेहरोत्रा, अजय मेहरोत्रा, वीरबहादुर सिंह, दीपक बाजपेई, योगेंद्र मौर्य, बालेश्वर, धर्म सिंह, प्रिया सिंह, अमित पाण्डेय, राधेश्याम, मालती मौजूद रही।