बिजनौर में अवैध खनन का खेल जारी, नगीना देहात में सरकारी नियमों की उड़ रही धज्जियां


पट्टों की आड़ में करोड़ों की रेत चोरी, किसानों की जमीन पर जबरन खनन, सड़कों की हालत बदतर, प्रशासन मौन

बिजनौर:

योगी सरकार की सख्त नीतियों और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद बिजनौर जिले के नगीना देहात क्षेत्र में अवैध रेत खनन का गोरखधंधा बेखौफ जारी है।
नियमों को ताक पर रखकर पट्टों की आड़ में दिन-रात नदियों का सीना चीरा जा रहा है, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।
खनन विभाग और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के चलते खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे किसी भी कार्रवाई की परवाह किए बिना धड़ल्ले से अवैध खनन कर रहे हैं।

अबुल फजलपुर पहाड़ा में पट्टे की आड़ में मनमाना खनन, नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं

जनपद बिजनौर के नगीना देहात क्षेत्र के गांव अबुल फजलपुर पहाड़ा में गाटा संख्या 70 एमआई पर एमपीएस इंटरप्राइजेज के नाम से आरबीएम (रिवर बेड माइनिंग) का छह माह के लिए पट्टा जारी किया गया है।
लेकिन, पट्टा जारी होते ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने लगीं।

? खनन कार्य तय सीमा और नियमों से परे किया जा रहा है।

? पट्टे की आड़ में तय सीमा से अधिक डंपरों की आवाजाही जारी है, जिससे इलाके की सड़कों की हालत बदतर हो चुकी है।

? नदी का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया गया है, जिससे क्षेत्र में बड़े-बड़े गड्ढे और तालाब बन गए हैं।


24 घंटे जारी है खनन, नियमों की खुली अनदेखी

खनन विभाग के नियमों के मुताबिक, पट्टेधारकों को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक ही खनन करने की अनुमति है।
लेकिन यहां पर 24 घंटे अवैध खनन किया जा रहा है।

? एक रवाने की आड़ में पांच-पांच डंपर निकाले जा रहे हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है।

? रात के अंधेरे में अवैध रूप से डंपरों की लाइन लग जाती है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं।

? खनन की निगरानी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत के कारण माफियाओं को कोई डर नहीं है।

100 से ज्यादा डंपरों की आवाजाही, सड़कों की हालत बदतर

खनन विभाग के नियमों के अनुसार, एक पट्टे पर अधिकतम 9 गाड़ियां चलाई जा सकती हैं, लेकिन वर्तमान में 100 से अधिक डंपर दिन-रात दौड़ रहे हैं।

? ये डंपर रोजाना 300 से 500 चक्कर लगा रहे हैं, जिससे इलाके की मुख्य सड़कें पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं।

? भारी वाहनों के चलने से सड़कों पर गड्ढे बन गए हैं और दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।

? ग्रामीणों का आवागमन मुश्किल हो गया है, छोटे वाहन और पैदल चलने वाले लोग जोखिम में हैं।

? क्षेत्रीय विकास की योजनाओं को नुकसान पहुंच रहा है क्योंकि लगातार सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं।

किसानों की जमीन पर जबरन खनन, दो बड़े हादसे हो चुके

खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे गरीब किसानों की जमीन पर जबरन खनन कर रहे हैं।

? रात में किसानों की फसलें बर्बाद कर डंपर उनकी जमीन से निकाले जा रहे हैं।

? कई किसानों ने विरोध किया, लेकिन दबंगों के डर से कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा।

? अब तक दो बड़े हादसे हो चुके हैं, जिसमें जान-माल का नुकसान हुआ, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

खनन अधिकारी और प्रशासन ने साधी चुप्पी, कोई सुनवाई नहीं!

जब इस संबंध में खनन अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

? शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि खनन अधिकारी फोन तक नहीं उठाते और कार्रवाई की बात करना तो दूर की बात है।

? जब इस मुद्दे पर बिजनौर जिलाधिकारी से संपर्क किया गया, तो उनके अधीनस्थों ने "मैडम मीटिंग में हैं" या "मैडम लंच में हैं" कहकर बात टाल दी।

? खनन अधिकारी और प्रशासन की इस लापरवाही से माफियाओं के हौसले और बुलंद हो गए हैं।

मुरादाबाद मंडलायुक्त का बयान: "जांच होगी, सख्त कार्रवाई तय"

इस पूरे मामले को लेकर मुरादाबाद मंडल के मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार ने कहा कि:

" जांच के बाद अवैध खनन में संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अवैध खनन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

क्या योगी सरकार का बुलडोजर इन माफियाओं पर भी चलेगा?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि:

? सरकार की नीतियों को धता बताकर अवैध खनन कर नदियों का सीना चीरने वालों पर कब होगी कार्रवाई?

? गरीब किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा करने वाले खनन माफियाओं के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाए जाएंगे?

? क्या योगी सरकार का बुलडोजर इन माफियाओं के खिलाफ भी चलेगा, या फिर यह गोरखधंधा यूं ही चलता रहेगा?

स्थानीय लोगों की मांग: अवैध खनन पर तुरंत रोक लगे

ग्रामीणों और स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि:

? खनन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

? अवैध खनन में लिप्त पट्टे तुरंत रद्द किए जाएं।

? किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज हो।

? बर्बाद हो चुकी सड़कों की मरम्मत करवाई जाए।

बिजनौर के नगीना देहात क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं।
खनन माफियाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से गरीबों की जमीनें बर्बाद हो रही हैं, सड़कें जर्जर हो रही हैं और सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

अब देखना यह होगा कि क्या योगी सरकार अपने सख्त रवैये को बरकरार रखते हुए इस गोरखधंधे पर नकेल कसती है या फिर माफिया यूं ही बेखौफ होकर नदियों और किसानों की जमीनों को रौंदते रहेंगे?<!--/data/user/0/com.samsung.android.app.notes/files/clipdata/clipdata_bodytext_250322_232756_258.sdocx-->