सडक मरम्मत के नाम से क ई बार आया फंड लेकिन कहां खर्च हुआ कोई नही जानता - कांग्रेस के लिय यह मुद्दा फांस ना बन जाऐ

बैकुण्ठपुर/चिरमिरी। नगर निगम चुनाव नजदीक आते ही शहर की जर्जर सड़कें कांग्रेस के लिए चुनावी सिरदर्द बन गई हैं। बरटूंगा और सतनाम भवन (कालरी के रास्ते) की सड़कें बीते तीन-चार साल से बदहाली का शिकार हैं। गड्ढों, धूल और कचरे के बीच लोग हर दिन जान जोखिम मे डालकर सफर करने को मजबूर हैं। लेकिन कांग्रेस की नगर सरकार इन सड़कों की मरम्मत के बजाय घोटालों में व्यस्त रही। अब जनता चुनाव में कांग्रेस से इस लापरवाही का हिसाब मांगने की तैयारी कर रही है।

टूटी सड़कों पर चलना जनता की मजबूरी

बरतूंगा और सतनाम भवन मार्ग की स्थिति इतनी खराब है कि बरसात में सड़कें कीचड़ से भर जाती हैं, जबकि गर्मी में धूल के गुबार उड़ते रहते हैं। सड़कें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि राहगीरों, दुपहिया वाहन चालकों और बुजुर्गों के लिए सफर करना मुश्किल हो गया है। स्थानीय निवासियों की नाराजगी इस बात पर है कि हर चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता सड़क बनाने के वादे करते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होता है, वे भूल जाते हैं। बरतूंगा की सड़कें चलने लायक नहीं हैं, और सतनाम भवन का रास्ता जानलेवा बन चुका है।"

विपक्ष का हमला :सड़क निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार

नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। भाजपा के स्थानीय नेता ने कहा "पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस ने सड़क निर्माण के नाम पर सिर्फ कागजों में काम दिखाया, जबकि हकीकत यह है कि बरतूंगा और सतनाम भवन के रास्तों को देखने तक कोई नहीं आया। कांग्रेस सरकार सिर्फ घोटाले करने में लगी रही और जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया।"

भाजपा का आरोप है कि नगर निगम में सड़क मरम्मत के लिए बार-बार फंड जारी हुआ, लेकिन वह कहां खर्च हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं।

क्या सड़कों का मुद्दा कांग्रेस की हार का कारण बनेगा

नगर निगम चुनाव में बदहाल सड़कें एक बड़ा मुद्दा बन चुकी हैं। जनता अब वादों पर भरोसा करने के बजाय, पिछले पांच वर्षों के काम का हिसाब मांग रही है। अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने में कामयाब होगी, या टूटी सड़कों पर जनता का गुस्सा उसे बाहर का रास्ता दिखा देगा।