मुख्यमंत्री को हरिजन शब्द इतना ही अच्छा लगता है तो अपने नाम के आगे क्यों नहीं लगा लेते,ASP नेता ऋषिकेश॥

सिद्धार्थनगर! आजाद समाज पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष व वर्तमान मंडल उपाध्यक्ष ऋषिकेश उर्फ बब्बू भैय्या ने प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के हरिजन शब्द पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अयोध्या में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने हरिजन शब्द का उपयोग किया जो कि देश की सुप्रीम कोर्ट ने हरिजन शब्द पर बैन लगा रखा है। योगी जी आपको हरिजन शब्द इतना ही अच्छा लगता है तो अपने नाम के आगे हरिजन क्यों नहीं लगा लेते? साथ ही उन्होंने कहा कि चुनावी रैलियों में "बटेंगे तो कटेंगे" का नारा देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी खुद सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मंच पर समाज को 'हरिजन" और 'गैर हरिजन' में बांट रहे हैं। क्या इस 'हरिजन"शब्द के प्रयोग से उनका हिंदू खतरे में नहीं आता? ऋषिकेश की मानें तो 1982 में केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों के लिए एक एडवाइजरी जारी कर अनुसूचित जातियों के लिए 'हरिजन' शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा था। उन्होंने कहा कि 2010 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस संबंध में नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी करके इस पर रोक लगाई थी। यहां तक कि माननीय न्यायालय द्वारा भी इसे अपमानजनक बताते हुए प्रतिबंध लगाया गया था।
इतने महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को क्या इन निर्णयों की जानकारी नहीं है? या जानबूझकर "हरिजन" शब्द का प्रयोग करके अनुसूचित वर्ग के लोगों का अपमान किया जा रहा है? आगे कहा कि जब गांधी जी ने अछूतों के लिए हरिजन शब्द का इस्तेमाल करना शुरू किया, तो डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जी ने इसका कड़ा विरोध किया और इसे अपमानजनक शब्द बताया था।ये सवाल उस समय भी पूछा गया था और आज भी प्रासंगिक है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बताएं, यदि अनुसूचित जाति के लोग 'हरिजन' हैं तो बाकी अन्य लोग ?हरि? के जन नहीं तो किसके जन हैं?
पूर्व जिलाध्यक्ष सिद्धार्थनगर व वर्तमान मंडल उपाध्यक्ष बस्ती आजाद समाज पार्टी ऋषिकेश (बब्बू भैय्या)