अलीनगर थाना प्रभारी ने पशु तस्करों से साठगांठ के नाम पर दो युवकों को उठाया फिर 20 हजार में डिलिंग कर छोड़ा,एसपी ने बैठाई जांच

सवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

अलीनगर- पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है।इस बार आरोप अलीनगर थाना के प्रभारी विनोद मिश्रा पर लगे है।आरोप है कि पुलिस ने पहले पशु तस्करों से साठगांठ के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया था। बाद में परिजनों से रुपये लेकर युवकों को छोड़ दिया। बहरहाल शिकायत एसपी आदित्य लांग्हे तक भी पहुंच गई।उन्होंने सीओ मुगलसराय को मामले की जांच सौंपी है।पुलिस कप्तान ने दोष सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

आरोप है कि अलीनगर पुलिस ने मंगलवार की रात पशु तस्करों का वाहन पकड़ा।लेकिन तस्कर पुलिस से बचकर भाग निकले। तस्करी में लिप्त युवक ने रेवसा गांव निवासी अपने ममेरे भाई को फोन कर पूरी बात बताई और बाइक से घर तक छोड़ने का आग्रह किया।इसी बातचीत के आधार पर पुलिस ने बरहुली के दो युवकों को उठा लिया और थाने ले आई।आरोप है कि बिंद समाज के कुछ लोग थाने पहुंचे और निर्दोष युवकों को छोड़ने की मांग की तो थाना प्रभारी ने उन्हें गाली-गलौच देकर थाने से भगा दिया, यहीं नहीं युवकों को तस्करी में फंसाने की धमकी देकर दोनों युवकों के परिजनों से 43 हजार रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद दोनों को छोड़ दिया।इस बात की शिकायत परिजनों की तरफ से एसपी आदित्य लांग्हे से की गई तो उन्होंने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीओ मुगलसराय को जांच सौंप दी। इस बाबत एसपी चन्दौली ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। सीओ पीडीडीयू नगर आशुतोष को जांच सौंपी गई है। भ्रष्टाचार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि अलीनगर इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों की पुष्टि होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि अलीनगर थाने का प्रभार संभालने के बाद से ही थाना प्रभारी पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं।पिछले दिनों एक भाजपा नेत्री ने भी अलीनगर पुलिस पर पशु तस्करों से साठगांठ के आरोप लगाए थे। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा की पुलिस की जांच में क्या निकलकर आता है, और कब तक जांच पूरी होती है।