चकिया- नगर के दुर्गा पूजा पंडालों में इस बार कहीं कोलकाता के काली मंदिर तो कहीं तमिलनाडु के सोम मंदिर के होंगे दर्शन, दिखेगा आकर्षक नजारा

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया- कोलकाता के काली मंदिर, तमिलनाडु के सोम मंदिर समेत देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों के रूप में पंडाल तैयार किए जा रहे हैं। इस समय मां दुर्गा की तीन दिनों तक पूजा अर्चना की जाएगी।

चकिया नगर में कल सात जगहों पर दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वहीं सुरक्षा के कड़े प्रबंध होंगे। पंडालून में पुलिस की तनाती के साथ सीसी कैमरे से भी निगरानी की जाएगी। बता दें शारदीय नवरात्र की शुरुआत कल से ही हो चुकी है, नगर में विशाल पंडालों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यहां 8 अक्टूबर की रात को महिषासुर मर्दिनी, प्रथम पूज्य गणेश कुमार कार्तिकेय महालक्ष्मी और माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 10 और 11 अक्टूबर को 3 मिनट तक पूजा अर्चना की जाएगी। इस मौके पर मेला भी लगेगा। हजारों भक्त पंडालून में दर्शन पूजन के लिए पहुंचेंगे।

नगर के महाराजा का किला दुर्गा पूजा समिति की तरफ से किले के पास तमिलनाडु के सोम मंदिर, सहदुल्लापुर दुर्गा पूजा समिति की तरफ से पुरानी सब्जी मंडी के पास, नवज्योति दुर्गा पूजा समिति की तरफ से चौक झंडा के पास, दुर्गा पूजा समिति पूर्वी बाजार की तरफ से लोहटिया मार्केट के पास, वंदना दुर्गा पूजा समिति की तरफ से मुहम्मदाबाद बड़ी नहर के पश्चिम साइड क्रय विक्रय समिति के सामने तथा बाल ज्योति दुर्गा पूजा समिति की तरफ से बड़ी नहर के पूरब साइड में कोलकाता की मंदिर की तरह भव्य पंडाल बन रहे हैं। जिसमें मुख्य रूप से वंदना दुर्गा पूजा समिति मुहम्मदाबाद और दुर्गा पूजा समिति सहदुल्लापुर द्वारा महिषासुर मर्दिनी का मंचन दिखाया जाएगा। जिसमें मां दुर्गा शेर पर सवार होकर साक्षात महिषासुर का वध करते हुए दिखाई देंगीं। इसके अलावा अन्य पूजा पंडालों इस बार कुछ अलग देखने को मिलेगा।

*किला रोड पर स्थापित पूजा पंडाल के लिए महाराजा की तरफ से मिलता है 1100 का सहयोग*
नगर के महाराजा किला रोड पर स्थापित दुर्गा पूजा समिति को महाराजा काशी नरेश की तरफ से प्रतिवर्ष मात्र 1100 का सहयोग दिया जाता है।जिसके बाद समिति अन्य लोगों की मदद से सहयोग इकट्ठा कर भव्य तरीके से दुर्गा पूजा मना पाते हैं।जिसमें काशी नरेश द्वारा दिए जाने वाले सहयोग की चर्चा लोगों में रहती है।