बिचौलियों और राइस मिल मालिकों की वजह से राशन कार्ड धारक परेशान 

ऊंचाहार,रायबरेली।भ्रष्टाचार के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए शासन तरह तरह से नकेल कस रही है।वही बीच में कुछ किसान और आदमी फंस गए है।जो अब बिचौलियों के लिए अभिशाप बन गए है।एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है।जिसको लेकर लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है।अब तो व्यापारी भी भ्रष्टाचार फैलाने में आमादा हो चुके है।आपको बता दें ऊंचाहार तहसील स्थित इंडस्ट्रियल एरिया के रहने वाले राइस मिल संचालक के द्वारा वर्ष 2023- 24 के मध्य धान क्रय करने के लिए कई ऐसे लोग जिनके पास जमीन नही है।उन्हें अपने जाल में फंसा कर बहला फुसलाकर फर्जी किसान दिखाकर धान खरीद कराई गई। इस व्यक्ति के द्वारा नए लडको को मित्र बनाकर मित्रता के जाल में फंसाकर फर्जी किसान बना दिया जाता है।फिर इन फर्जी किसानों को हजार से पंद्रह सौ रुपये प्रति देकर खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराया जाता है।उनका सत्यापन भी राजस्व के कर्मचारियों द्वारा सेटिंग गेटिंग कर के सत्यापित भी करा लिया जाता है।इसके बाद फर्जी किसानों को धान क्रय केंद्र पर ले जाकर उनका अंगूठा इपोस मशीन में लगवाकर सत्यापन किया जाता है।जब सम्बंधित विभाग से फर्जी किसानों के खाते में रुपया आ जाता है।राइस मिल मालिकों द्वारा अपने एवं अपने बैंक खातों में सारा पैसा स्थानांतरण करा लिया जाता है।जिसकी वजह से कई गरीब परिवारों के राशन कार्ड कट गए है।राशन कार्ड के कटने से परेशान आम गरीब किसान मिल संचालकों के लिए अभिशाप बन बैठा है।सूत्रों की माने तो किसानों और आम गरीबों के हक के निवाले के लिए सेटिंग गेटिंग कर मिल मालिक पुनः राशन कार्ड बनवाने का आश्वासन देने लगा है।