जमीनी विवाद में मारपीट के बाद महिला ने लगाई गुहार,कोतवाल ने नहीं दर्ज की एफआईआर, महिला पहुंची कप्तान के दरबार

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया- पुलिस अधीक्षक आम नागरिक को न्याय मिल सके इसके लिए भले ही शाम के चार बजे तक अपने दफ्तर में बैठकर फरियाद सुनें। लेकिन उनके थाना प्रभारी पूरी तरह से बेलगाम है। क्या मजाल जो फ़रियाद लेकर एक बार थाने पहुंचे और उनको न्याय मिल सके। अधिकांश थाना प्रभारी तो मुकदमा लिखने से इसकदर भागते है जैसे जीडी में जगह ही नही बचा हो। कुछ तक ऐसे भी जो महिला अपराध जैसे मामले में भी टहला देते है। महिलाओं को महिला थाने भेज दिया जाता है। इसके बाद पीड़ित महिला थाना व सम्बंधित थाने के बीच त्रिशंकु की तरह लटकता रहता है।

चकिया क्षेत्र के पचफेड़िया गाँव में आपस के दो चहेरे भाईयों के जमीन विवाद को राजस्व की टीम मौके पर जाकर चकरोड का सीमांकन कर दिया।सीमांकन के बाद किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न किये जाने का दिशा निर्देश दिया गया था। लेकिन पिछले सोमवार को एक पक्ष जबरदस्ती कब्जा करने लगा। जब दूसरे पक्ष निर्मला ने इसका विरोध किया। इसपर महिलाओं के साथ कब्जधारियों ने जमकर मारपीट किया। इसके बाद चौकी से लेकर कोतवाली तक महिला को टहलाया जा रहा था इसके बाद चकिया कोतवाल द्वारा फरियाद न सुनने के बाद एसपी दरबार में पहुंचकर महिला ने अपनी गुहार लगाई। एसपी के निर्देश के बाद स्थानीय थाने पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुट गयी।