चंदौली-जिले में भी अगर पड़ जाती एडीजी की नजर तो पुलिस की पर्दे के पीछे की कहानी आ जाती सामने,खुलते कई राज

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली- गौ तश्करी में बलिया में हुई छापेमारी की तरह एडीजी की निगाह चन्दौली में भी अगर पड़ जाती तो जिले विभिन्न थाना क्षेत्रो में अलीनगर, चन्दौली व सैयदराजा व नक्सल क्षेत्र के चकिया,इलिया व नौगढ़ व चकरघट्टा पुलिस के कारनामों से नकाब हट जाता। गौ तश्करों के बिहार जाने का जिले में हाइवे सहित तमाम रूट तस्करी करने का सबसे सफलतम मार्ग है। इसके लिए जगह जगह सुविधा शुल्क देकर बेखौफ यह सभी बिहार तक पहुंच जाते है। बार्डर के सबसे अंतिम छोर के इस जिले में गौ तश्करों को अलीनगर के चार पिकेट दांडी, गोधना, हाइवे अंदर पास, झुमरीतलैया, सदर कोतवाली के नेगुरा मोड़, लीलापुर, डायल 112 व सैयदराजा के पिकेट होते हुए नौबतपुर में बैरियर पर बकायदे इंट्री कराती है। जिसका वीडियो भी वायरल हो चुका है। इसके साथ ही नक्सली क्षेत्र के चकिया सर्किल के अंतर्गत आने वाले शिकारगंज के साथ साथ इलिया थाना क्षेत्र के यूपी बिहार की सीमा को जोड़ने वाले मालदा पुल के पास बाकायदा बिहार के लिए एंट्री करते हैं।लेकिन मदमस्त पूर्वाधिकारियों ने इसपर कोई संज्ञान नही लिया। जिससे मनोबल बढ़ता गया।

*पूर्व में भी आ चुके हैं ऐसे मामले*
तस्करी की अगर बात करें तो चकिया सर्किल क्षेत्र में पुलिस से बचने के लिए तस्कर भागने के चक्कर में अपनी जान तक गवा चुके हैं।और चकिया कोतवाली क्षेत्र के मगरौर पुल से छलांग लगाने के दौरान तीन तस्करों की मौत भी हो चुकी है। जिसमें तत्कालीन अधिकारियों ने जिम्मेदारों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी। इसके पूर्व भी माल्दह कांड में चकिया के तत्कालीन कोतवाल अश्वनी चतुर्वेदी लाइन हाजिर किए गए थे और इलिया के तत्कालीन थाना प्रभारी नागेंद्र प्रताप सिंह सस्पेंड किए गए थे। लेकिन इन सब घटनाओं के बाद भी पशु तस्करी से जुड़े कार्यों पर लगाम नहीं लग सका है।

तस्करी से जुड़े मामले में सीओ ने रंगे हाथ थाना प्रभारी को किया था गिरफ्तार


अभी कुछ ही दिनों पूर्व तस्करी से जुड़े मामले में अवैध वसूली के खेल को लेकर वायरल हो रहे हैं तथा कथित ऑडियो की जांच के क्रम में एसपी के निर्देश के बाद चकिया सीओ आशुतोष त्रिपाठी ने सूचना के बाद तत्कालीन चकरघट्टा थाना प्रभारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जेल भेजा गया था। लेकिन बावजूद इसके तस्करी के खेल पर लगाम नहीं लग सका है।