जिले में राजस्व पटवारी की हड़ताल आज से, कामकाज रहेंगे बंद, अपनी 32 सूत्रीय मांगों को लेकर रहेंगे हड़ताल में।।

जिले में राजस्व पटवारी की हड़ताल आज से, कामकाज रहेंगे बंद, अपनी 32 सूत्रीय मांगों को लेकर रहेंगे हड़ताल में।।

पेंड्रा। राजस्व पटवारी संघ के द्वारा प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन को लेकर हड़ताल पर रहेंगे। इसी तरह से पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले के भी राजस्व पटवारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहेंगे जिसके कारण जिले में कामकाज बंद रहेगा और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वही हम आपको बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार राजस्व पटवारी के द्वारा 32 बिंदुओं के आधार पर अपनी मांग रखी है और उनके निराकरण की मांग की जा रही है। संघ का कहना है कि जो मांगें रखी गई हैं, वे सभी विगत कई वर्षों से लंबित मांगें हैं, निराकरण न होने की वजह से प्रदेश के सभी पटवारी निराश और हताश हैं। उनके हड़ताल पर जाने से राजस्व विभाग का राजस्व पखवाड़ा प्रभावित होने की पूरी संभावना है। साथ ही राजेश पटवारी का कहना है कि विगत वर्षों की मांगों समस्याओं के निराकरण नहीं हो पाने तथा ऑनलाइन भुइयां में हो रही गंभीर तकनीकी समस्याओं के निराकरण को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था पर अब तक किसी भी तरह से समस्या का समाधान नहीं हो सका है। वही मिली जानकारी के अनुसार लगभग जिले के लगभग 62 राजस्व पटवारी के हड़ताल में जाने की संभावना है।

1. राजस्व पटवारी की ये हैं प्रमुख मांगें।।

पटवारी संघ का कहना है कि ऑनलाइन काम करने के लिए आज तक किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गई है। कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। पटवारी अपने संसाधन से काम करते हैं, इसके लिए अतिरिक्त भत्ता दिया जाए। ऑनलाइन नक्शा, बटांकन, संशोधन पहले पटवारी आईडी में संशोधित कर राजस्व निरीक्षक की आईडी में भेजा जाता है। जब तक राजस्व निरीक्षक की आईडी से अनुमोदन नहीं होता है, तब तक उसी नक्शे से संबंधित अन्य बटांकन या संशोधन नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण अनावश्यक विलंब होता है। पटवारी द्वारा अनुमोदन के लिए भेजा गया नक्शा, बंटाकन पटवारी आईडी में नहीं दिखता, जिससे त्रुटि की संभावना रहती है। नक्शा का सर्वर अधिकांशतः खुलता नहीं है। हर बार दोबारा लॉगिन करना पड़ता है, इसका निराकरण आज तक नहीं किया गया।

2. जिला स्तर पर हो सहायक प्रोग्रामर।।

जिला स्तर पर सहायक प्रोग्रामर की पदस्थापना की जाए। त्रुटिपूर्ण खसरे, जो बैंक में बंधक हैं। ऐसे खसरों को शुद्ध या विलोपित नहीं किया गया है। न ही एनआईसी द्वारा उसे विलोपित किया गया है। पटवारी आईडी में संकलन, विलोपन, संशोधन का ऑप्शन नहीं है। इसके बावजूद कई जिलों में संकलन, विलोपन, संशोधन के नाम पर पटवारियों के खिलाफ दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई की जा रही है, इस पर रोक लगाई जाए। कर्जदार किसानों द्वारा कज चुका देने के बाद भी ऑनलाइन भुईयां से बैंक बंधक नहीं हटाया जाता है। ऐसे मामलों की शिकायत होने पर सारा दोषारोपण पटवारियों पर होता है।