देख लीजिए एसपी साहब शिकारगंज और चकिया के रास्ते खुलेआम हो रही पशु तस्करी, धड़ल्ले से बिहार में प्रवेश कर रहे पशु तस्कर

चकिया/इलिया- थाना अंतर्गत मालदह पुल से पशु तस्करी का कारोबार इन दिनों तेजी से फल-फूल रहा है। मालदह पुल उत्तर प्रदेश बिहार सीमा को जोड़ती है। बॉर्डर पर किसी भी तरह का अवैध वाहन एक दूसरे प्रांत की सीमा में प्रवेश न कर सके इसके लिए बैरियर लगाकर विधिवत पुलिस की ड्यूटी भी लगाई जाती है।

इसके बावजूद इन दिनों मवेशियों से भरी वाहन उत्तर प्रदेश की सीमा से बिहार में प्रतिदिन बेरोकटोक दौड रही है। जिससे प्रदेश की योगी सरकार के निर्देशों का खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आ रही है।

सूत्र बताते हैं कि सुबह और शाम के वक्त मालदह पुल के रास्ते आधा दर्जन से अधिक पिकअप तथा अन्य वाहन प्रतिदिन मवेशियों को भरकर बिहार की सीमा से होते हुए बंगाल जाते हैं। पशुओं को बॉर्डर सीमा में प्रवेश दिलाने के लिए पुलिस को बंधी बधाई मोटी रकम मिल जाती है जिससे पशु तस्करी का कारोबार दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। पीछाकर उसे पकड़वाने का कई बार प्रयास किया गया मगर सूचना के बाद भी पुलिस कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती तब तक मवेशियों से भरी वाहन बिहार की सीमा में प्रवेश कर जाती है ऐसी स्थिति में अपनी जान का भी खतरा बना रहता है। इन दिनों पशु तस्करी का कारोबार जिस तरह से जोर पकड़े हुआ है वह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

देखना है कि नवागत पुलिस अधीक्षक क्षेत्र में पशु तस्करी के कारोबार पर रोक लगाने में कितना सक्रियता दिखाते हैं।

सबसे खास बात यह है कि मिर्जापुर जिले से चंदौली जनपद में प्रवेश करने के लिए सबसे पहले पुलिस चौकी शिकारगंज पड़ती है। और शिकारगंज चौकी से होते हुए पशु तस्कर अपने छोटे बड़े वाहनों से पशुओं को लेकर निकलते हैं। इसके बाद या तो चकिया नगर से या फिर मुरारपुर मोड़ से होते हुए लतीफशाह मार्ग से मोहम्मदाबादपुर क्रॉस करते हुए सैदूपुर पुलिस चौकी को पार कर बिहार के लिए प्रवेश करते हैं। ऐसे में एक कोतवाली और दो पुलिस चौकिया से होकर निकलने वाली पशु तस्करों के वाहनों पर क्या पुलिस की नजर नहीं पड़ती या फिर पुलिस अपनी बंधी बधाई रकम लेकर आंखें बंद कर लेती है।