हरदोई में महिला सिपाही की बहन के शव से स्वास्थ्यकर्मियों ने की लूट, जांच के बाद सीएमओ ने दो कर्मचारियों को किया बर्खास्त, पोस्टमार्टम कराए जाने के दौरान दोनों ने जेवर पर किया था हाथ साफ

हरदोई में लूट की एक अनोखी घटना सुनकर हर कोई दंग रह गया है, जहां पीएम हाउस में तैनात कर्मचारियों ने महिला सिपाही की बड़ी बहन के शव से जेवर उतार लिए। इस अनोखे लूट मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सख्त रुख दिखाया है। सोमवार को जांच रिपोर्ट मिलने के कुछ ही देर बाद सीएमओ ने पोस्टमार्टम हाउस में तैनात दो आउट साेर्सिंग कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए आउट सोर्सिंग कंपनी को भी सख्त चेतावनी दी है।

बताते चलें कि पुलिस लाइन में तैनात महिला आरक्षी निक्की की 26 वर्षीय बड़ी बहन पिंकी की मौत संदिग्ध हालात में नौ अप्रैल को हो गई थी। उसका शव पोस्टमार्टम के लिए आधुनिक चीरघर हरदोई लाया गया था। पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर परिजन घर चले गए थे। यहां एक और बात जानकारी देना जरूरी है कि जनपद में सिर्फ दो जगहों पर ही पोस्टमार्टम होते हैं। हरदोई में लखनऊ रोड स्थित 100 शैया संयुक्त चिकित्सालय परिसर के पास पोस्टमार्टम हाउस है। इसके अलावा संडीला सीएचसी के पास भी पोस्टमार्टम हाउस बना है। दोनों ही जगहों पर पोस्टमार्टम होते हैं। पुलिस लाइन में तैनात महिला आरक्षी निक्की की बड़ी बहन पिंकी (26) की मौत संदिग्ध हालात में नौ अप्रैल को हो गई थी। 17 जून को निक्की ने सीएमओ डॉ. रोहताश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान उसने बताया कि उसकी बहन के कान और नाक में सोने की बाली थी। जो पोस्टमार्टम के दौरान गायब हो गए थे।

सीएमओ ने यह मामला गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी। कमेटी में उप मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. सुरेंद्र कुमार और सीएचसी अहिरोरी के अधीक्षक डाॅ. मनोज कुमार सिंह को रखा गया। सोमवार को कमेटी ने जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी। इसके कुछ ही देर बाद सीएमओ डाॅ. रोहताश कुमार ने पोस्टमार्टम हाउस में तैनात रूपेश पटेल और वाहिद को बर्खास्त कर दिया। सीएमओ ने बताया कि दोनों ही आउट सोर्सिंग कंपनी के माध्यम से रखे गए कर्मचारी थे। आउट सोर्सिंग कंपनी को इस बारे में पत्र भेज दिया गया है।,साथ ही यह भी चेताया गया है कि कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय उनके आचरण के बारे में भी पता कर लें।

सूत्रों के मुताबिक सीएमओ की कार्रवाई के बाद कुछ कर्मचारियों में असंतोष है। उनका कहना है कि जब डेड बॉडी लाई गई थी। उस समय डॉक्टर और फार्मासिस्ट की निगरानी में शव को खोला गया था। पोस्टमार्टम के बाद उनके सामने ही डेड बॉडी को सील किया गया। फिर जेवर गायब होने में सिर्फ आउटसोर्स कर्मचारियों पर ही कार्रवाई क्यों की गई है। इस पूरे मामले में सभी बराबर के जिम्मेदार हैं। अगर इस मामले में उच्च स्तर से जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।