हरदोई में सुहागिनों ने वट वृक्ष के नीचे बैठकर की पूजा, व्रत रखकर की पति की लंबी उम्र की कामना, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है वट सावित्री का व्रत

हरदोई। वट सावित्री का व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। इस पूजा के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती है। महिलाएं वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूूजा करती हैं। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखने की परम्परा है।

हरदोई नगर व पाली कस्बा सहित क्षेत्र में गुरुवार को वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिनों में काफी उत्साह और आस्था देखने को मिली। पाली नगर के पंथवारी देवी मंदिर प्रांगण में स्थित वट वृक्ष की सैकड़ों महिलाओं ने पूजा की और पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष के कच्चे सूत के धागों से फेरे भी लिए।

मान्यताओं के अनुसार यह वट सावित्री का व्रत करवा चौथ की तरह ही है। इस व्रत में कुछ सुहागिन निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को जल से व्रत तोड़ती हैं। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत के दिन अगर सुहागिनें शुभ मुहूर्त पर वट वृक्ष की पूजा करती हैं तो वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास बना रहता है।

इस व्रत की पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की आयु लम्बी होने के साथ जीवन रोगमुक्त हो जाता है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वट सावित्री व्रत पर सुहागिनें अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे कथा का श्रवण भी करती हैं।