हरदोई से जय प्रकाश रावत पांचवी बार चुने गए सांसद, पिछले बार के मुकाबले आधे से भी कम रहा मार्जिन, मिश्रिख से चौथी बार अशोक रावत ने दर्ज की जीत

हरदोई से लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जयप्रकाश रावत ने जीत दर्ज की है। हरदोई से वह पांचवीं मर्तबा सांसद बने हैं और अपने पूरे राजनीतिक कैरियर में वह सातवीं बार उच्च सदन में पहुंचेंगे। हालांकि इस बार जयप्रकाश की जीत का मार्जिन पिछली मर्तबा जीते गए मतों से लगभग एक चौथाई रहा।
2019 में जय प्रकाश 1,32,474 मतों से जीते थे, जबकि इस बार इस बार सिर्फ 27,856 मतों से उनकी जीत हुई है।
जीत के बाद सांसद जयप्रकाश ने हरदोई की जनता का आभार व्यक्त किया और कहा किए शीर्ष नेतृत्व की जीत है। वही जीत के मार्जिन कम होनेपर और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सीटों में भारी तादाद में कमी आने को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जनता को गुमराह करने का काम किया जिसके चलते यह परिणाम आए हैं।
जय प्रकाश रावत का जन्म 16 अप्रैल 1958 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ। उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा राजनीति में बिताया है।
जय प्रकाश पहले 6 मर्तबा संसद के सदस्य रहे है। जिसमें 5 मर्तबा वो हरदोई से एक मर्तबा मोहनलालगंज लखनऊ से और एक मर्तबा राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके है। 2019 में वो भारतीय जनता पार्टी के सिंबल साहरदोई से सांसद चुने गए। जिसके बाद 2024 के लोकसभा आम चुनाव में भी बीजेपी ने उनको अपना उम्मीदवार बनाया था।
जयप्रकाश रावत हरदोई से पहली बार 1991 में सांसद बने थे। सांसद जयप्रकाश रावत हरदोई से उस समय सांसद बने थे जब भाजपा एक-एक सीट के लिए मशक्कत कर रही थी। फिलहाल उनकी जीत से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर हैं।

मिश्रिख से अशोक रावत चौथी बार बने सांसद -

मिश्रिख लोक सभा से अशोक कुमार रावत लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के सिंबल से सांसद चुने गए। इससे पहले वह बहुजन समाज पार्टी से वर्ष 2004 और 2009 के लोकसभा आम चुनाव में सांसद बने थे। वहीं 2014 में लोकसभा का चुनाव हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सिंबल से चुनाव लड़कर एक लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 2024 में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया आज मतगणना के बाद वह फिर से विजय हुए हैं। हालांकि जीत का मार्जिन पहले के मुकाबले बेहद कम है।
2019 में अशोक रावत ने अपनी प्रतिद्वंद्वी बसपा की नीलू सत्यार्थी को 1 लाख 672 मतों से हराया था। वहीं 2024 में अशोक रावत ने महज 33406 वोटों से जीत हासिल की है। फिलहाल इस जीत से उनके समर्थकों में खुशी की लहर हैं।