भाजपा नेता के कार खरीदने पर चौकी प्रभारी ने काटा केक,पहनाई माला,हो रही किरकिरी 

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली- सवाल यह कि एक पुलिस अफसर की यह कार्यप्रणाली कितनी जायज है?। एक तरफ जिले के आला अफसर यहां तक कि खुद पुलिस कप्तान लोक सभा चुनाव में पसीना बहा रहे हैं वहीं शिवाला चौकी प्रभारी एक छुटभैये नेता के साथ बावर्दी शो रूम में जाकर न सिर्फ कार खरीदवाते हैं बल्कि नेता जी की इस उपलब्धि पर माला पहनाकर उन्हें सम्मानित भी करते हैं। यही नहीं कार की सांकेतिक चाबी सौंपने के बाद केक काट कर अपने दायित्व का पूर्ण निर्वहन भी करते हैं। यह बात अलग है कि नेता जी ने जब अपना भौकाल टाइट करने को फोटो फेसबुक वाल पर लगाई तब से चौकी प्रभारी और पुलिस की किरकिरी हो रही है।

बीजेपी के एक छुटभैये नेता हैं जो प्लाटिंग का काम करते हैं। जाहिर सी बात है कि उनके इस काम में पुलिस और अधिकारियों के साथ की नितांत आवश्यकता पड़ती होगी। बहरहाल आमदनी अच्छी हुई तो नेता जी ने कार खरीदी। लेकिन खबर यह नहीं बल्कि यह है कि उनके साथ कार खरीदने वालों की फेहरिश्त में मुगलसराय कोतवाली के शिवाला चौकी प्रभारी विरेंद्र यादव भी बावर्दी शामिल हुए। उनके जाने से नेता जी का भौकाल और टाइट हो गया। चौकी प्रभारी ने बकायदा माला पहनाकर नेता जी को बधाई दी और चाबी सौंपने के साथ केक भी काटा। अपनी ड्यूटी छोड़ घंटों नेता जी के साथ लगे रहे। नेता जी ने भी चौकी के साथ ही यह फोटो अपने फेसबुक वाल पर लगाकर शुक्रिया अदा किया। अब फोटो वायरल हो रही है। लोगों का कहना है कि पुलिस कहीं समय से पहुंचे न पहुंचे लेकिन नेताओं की खिदमत में जरूर समय से पहुंच जाती है।

हालांकि मामले में 24 घंटे बीच जाने के बाद भी अब तक स्थानीय पुलिस प्रशासन या जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। वही भाजपा के छुटभैये नेता संदीप मौर्य का एक कथित व्हाट्सएप पोस्टर वायरल हो रहा है इसमें उन्होंने लिखा है कि मामले को लेकर सीओ और एसपी से बातचीत हो गई है। मामले में कुछ भी नहीं होने वाला है। अब देखना यह होगा कि आखिरकार मामले में कारवाई कब तक हो पाती है या फिर सत्ता दल के दबाव में मामला ठंडा बस्ते में डाल दिया जाता है।