इलाज के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक ने कर डाला प्रसूति का गर्भपात ? पति की शिकायत पर नहीं हुई कार्यवाही!

चकिया/चंदौली। उत्तर प्रदेश सरकार और स्वास्थ विभाग और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक लोगो को बेहतर स्वास्थ सेवाए प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रहें है लेकिन सरकार के इस प्रयासो को स्वास्थ्य विभाग खुद विफल करने पर लगा हुआ है। ताजा मामला चंदौली जनपद के चकिया प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र का बताया जा रहा है।जहां एक महिला चिकित्सक पर बाहरी दवा लिखने सहित इलाज में लापरवाही और गर्भ पात कराने का आरोप एक महिला रोगी और उसके पति द्वारा लगाया गया है। जब एक सरकारी चिकित्सक नियमो का उलंघन करते हुए एक प्रसूति का इलाज के दौरान गर्भपात तक कर दिया।मामला यही नहीं रुका गर्भपात से महिला की तबीयत और बिगड़ गईं जिसे देख चिकित्सक ने पीड़ित महिला को इलाज के लिए चंदौली रेफर कर दिया जहां गर्भपात के दौरान लापरवाही के कारण अधिक रक्त स्राव की बात सामने आई और इलाज के लिए उसे वहां से निजी चिकित्सालय जाना पड़ा जिसके बाद महिला की जान बच सकी।जिसके बाद उसके पति ने आरोपी चिकित्सक अंसुल सिंह के खिलाफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी चकिया को लिखित शिकायत दी।जिसपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है पीड़ित महिला और उसके पति का यह भी कहना है कि शिकायत के बाद आरोपी डॉक्टर पर कार्यवही करने के बजाए उल्टा उनके ऊपर तरह-तरह से आरोपी चिकित्सक और चिकित्सा प्रभारी द्वारा शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया गया जिसमें यह कहा गया कि शिकायत वापस ले लो नही तो ठीक नही होगा।कार्यवाही नही होने पर पीड़ित महिला के पति ने पुनः मामले की शिकायत उप जिलाधिकारी चकिया से की है वही मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकिया प्रभारी विकास सिन्हा ने बताया कि मामले में टीम गठित करके जांच चल रही है जांच उपरांत कोई कार्यवाही की जाएगी पीड़ित ने इसके संदर्भ में कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों को भी अवगत कराया जिसके बाद पत्रकारों द्वारा इस बाबत जानकारी लेने चकिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गए जहां पत्रकारों का आरोप है कि चिकित्सा प्रभारी उल्टा उनके ऊपर भड़क गए और उन्हें झूठे मामले में फसाने की धमकी तक दे डाली बहरहाल जिले में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ इस तरह के आरोप कोई नई बात नहीं है ।जिला चिकित्सालय हो या फिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हर जगह भ्रष्टाचार और नियमों के विपरीत कार्य करने का मामला निरंतर मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आता रहता है फिर चाहे निजी चिकित्सालय अल्ट्रासाउंड सेंटर, पैथोलॉजी सेंटर क्लिनिक, पॉलीक्लिनिक में नियमों को ताक पर रखकर कार्य करने वाले निरंतर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करते रहते है।