बीजेपी विधायक ने पूर्व प्रधानाचार्य की जमीन को कब्जाया, कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पाण्डेय, बोले- विधायक पर FIR दर्ज कर जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाए

हरदोई। कलेक्ट्रेट परिसर में सोशलिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। जिसमें रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता व पार्टी महासचिव संदीप पाण्डेय शामिल हुए। जिन्होंने बिलग्राम-मल्लावां से बीजेपी विधायक आशीष सिंह आशू पर पूर्व प्रधानाचार्य का मकान कब्जा करने का आरोप लगाया है। जिन पर एफआईआर दर्ज कराकर जमीन को खाली कराने की मांग की है। साथ ही ईवीएम को वैन करने और चुनाव मतपत्र से कराने की मांग की है।
हरदोई में रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता व सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव संदीप पाण्डेय ने प्रदर्शन किया। जिसमें वह 8 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे है। संदीप पाण्डेय ने कहा कि बिलग्राम-मल्लावां से बीजेपी विधायक आशीष सिंह आशू ने मल्लावां में भूतपूर्व प्रधानाचार्य लियाकत अली के अर्धनिर्मित मकान पर जबरन कब्जा किया है। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी के विधायक जब भूमाफिया है तो आम आदमी की जमीन को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है। इसके साथ ही माधौगंज के कुरसठ बुजुर्ग में 109 लाभार्थियों की आवास प्लस सूची की जांच कराने और पात्रों को आवास दिलाने की मांग की है। परौली में राजेंद्र कुमार से ग्राम पंचायत के पट्टों व सरकारी जमीन तालाब को कब्जा मुक्त कराने, गंगा पुरवा में आजादी के पूर्व से बसे हुए दलित गांव से जमीन को कब्जा मुक्त कराकर संपर्क मार्ग बनवाने, 1604 थ में तालाब की जमीन पर मकानों को गिराने से बेघर हुए लोगों को जमीन व आवास दिलाने, निर्माण कार्य कराने और गिराने में सरकारी धन के खर्च को सरकारी कर्मचारियों से वसूलने, न्यायालय के आदेश के बाद भी तालाब की जमीन पर पिंक शौचालय बना है उसको गिराने और उस पर खर्च की गई धनराशि को संबंधित अधिकारी से वसूलने व तालाब में निर्माण कार्य कराने वाले सरकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग की है। साथ ही उन्होंने ईवीएम पर रोक लगाने और मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवा निवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित 'चुनाव हेतु नागरिक आयोग' देश विदेश के विशेषज्ञों से परामर्श कर इस नतीजे पर पहुंचा है कि ईवीएम वीवीपीएटी की व्यवस्था में शुरू से लेकर अंत तक सत्यापन संभव नहीं है। अत: यह लोकतांत्रिक चुनाव हेतु अयोग्य है। जैसा कि दुनिया के कई लोकतंत्रों ने मतपत्र की ओर लौटकर किया है। वैसे ही हम लोग राष्ट्रीय मतदाता दिवस से पहले बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार आम आदमी के मतों को लूट रही है। लोकतंत्र में बुल्डोजर की कार्यवाही गलत है,जिसे रोका जाए। उन्होंने बीजेपी सरकार में अपराधियों और बलात्कारियों को दिए जा रहे संरक्षण को रोकने की मांग की है।