शहाबगंज- विकासखंड में यहां मात्रा 6 साल में दरकने लगी विद्यालय भवन की दीवारें, जर्जर भवन में बैठकर पढ़ने में लगता है डर, लापरवाह बना विभाग

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

शहाबगंज- ब्लाक के खखड़ा में छह साल पहले बने हाईस्कूल की दीवारें दरकने लगी हैं। दीवारें दरकने से स्कूल में पढ़ने वाले नौवीं और दसवीं के छात्र खतरे की जद में आ गए हैं। बावजूद न तो विभाग ने संज्ञान लिया और न ही जिम्मेदार अधिकारियां ने।

आकांक्षात्मक जिले में बेहतर, सुरक्षित व सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराने की सरकारी मंशा की पोल शहाबगंज ब्लाक के खखड़ा हाईस्कूल को देखने के बाद खुल जा रही है। खखड़ा में छह साल पहले हाईस्कूल के भवन का निर्माण हुआ था। स्कूल में खखडा, पचपरा, कुशहां, बगही, परवंदापुर सहित आधा दर्जन गांव के बच्चों पढ़ाई के लिए आते हैं। लेकिन छह साल में ही हाईस्कूल जर्जर होने गला। आलम यह है कि स्कूल भवन में जगह जगह दरारें पड़ गई हैं। वहीं कई जगहों पर प्लास्टर भी गिर रहा है। छत का सरिया देख पढ़ने वाले छात्र भी दहशत में रहते हैं। कई बार अभिभावकों ने इस ओर ध्यान दिलाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यह तब है जब इस स्कूल में 15 किलोमीटर दूर से भी बच्चे पढ़ने आते हैं। प्रधानाचार्य रीता देवी का कहना है कि भवन निर्माण के तत्काल बाद ही उसकी हालत खराब हो गयी थी। दीवारों में दरारें पड़नी शुरू हो गई थी। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

*2017 में हैंडओवर हुआ था स्कूल*
साल 2011 में राजकीय हाईस्कूल की मान्यता मिली थी। भवन निर्माण के लिए करीब 52 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई और वर्ष 2015 में पांच कमरों का भवन बनकर तैयार हो गया। इस बीच वहां प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में शिक्षिका मनीषा को नियुक्ति कर दिया गया। कार्यदाई संस्था ने इंचार्ज प्रधानाध्यापक को विद्यालय को हैंडओवर कराना था मगर निर्मित भवन की खराब हालत को देखकर प्रधानाचार्य ने भवन हैंडओवर लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ठेकेदार ने उसे ठीक कराकर वर्ष 2017 में हैंडओवर कर दिया गया।

*जर्जर कक्षाओं में पढ़ाई*
विद्यालय में 5 कमरे, एक कार्यालय के अलावा शौचालय, प्रधानाचार्य कार्यालय है। यहां कक्षा 9 व 10 की कक्षाएं संचालित हो रही है। कुल 52 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। नए सत्र में कार्यभार ग्रहण करने आई रीता देवी ने भवन की हालत को देखकर काफी भयभीत हैं। उनका कहना है कि जर्जर हालत में बच्चों को शिक्षा देना विवशता है।

राजकीय हाईस्कूल खखड़ा के भवन जर्जर हो गई है। दीवारों में न सिर्फ दरारें पड़ी हैं बल्कि प्लास्टर भी गिर रहे हैं। इसे लेकर विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ ही पढ़ाने वाले शिक्षक भी भयभीत हैं। बावजूद इस पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।

खखड़ा गांव के अभिभावक विनोद, पचपरा के सुजीत शर्मा ने कहा कि जर्जर भवन में पढ़ने के लिए बच्चों को भेजने में अब डर लग रहा है। वहीं परवंदापुर के अभिभावक सहेन्द्र, सुराहू ने सवाल उठाया कि यदि भवन से कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। शिकायत के बाद भी विभाग इसपर ध्यान नहीं दे रहा है।

वहीं स्कूल की छात्रा तृप्ति, खुशी, आरती छात्र पंकज, हिमांशु, साहिल, शिवम, गुलशन, आशीष, गौरव, सत्यम, धनराज समेत अन्य का कहना है कि कक्ष में पढ़ाई करते समय डर बना रहता है। कई बार सामने ही प्लास्टर गिरा है। प्रधानाचार्य रीता देवी का कहना है कि कोई और विकल्प नहीं होने से उन्हीं कक्षाओं में पढ़ाना पड़ रहा है।