पसान वन विभाग के नाक के निचे चल रही अवैध कोयला खदान वन अमला को भनक नही

पसान✅रानीअतारी विजय वेस्ट कोयला खदान के समानांतर चल रही कोयला तस्करों की अवैध खदान ✅ वन विभाग को भनक तक नहीं ✅वन विभाग की मिलीभगत की आशंका✅✅
कोरबा जिले के अंतिम छोर में संचालित होने वाली चिरमिरी क्षेत्र की रानीअतारी विजय वेस्ट कोयला खदान के समानांतर कोयला तस्करों ने अपनी निजी कोयला खदान का संचालन जोर शोर से किया जा रहा है उनके द्वारा कक्ष क्रमांक पी 198 में जंगलों का सीना चीर कर काले हीरे की चोरी बड़े पैमाने पर की जा रही है ,जिसकी भनक वन अमले को ना होना हास्यस्पद लगता है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही सभी मीडिया में वहाँ पेड़ों की अवैध कटाई का मामला उठाया गया था परंतु किसी प्रकार की कार्यवाही नही होना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है ✅✅ सूत्रों की माने तो पसान वन परीक्षेत्र अधिकारी रामनिवास दहायत को इसकी सूचना दी गई थी परंतु इतना अहम सुराग के बावजूद किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करना प्रश्नचिन्ह पैदा करता है ,जिले में कोयले का अकूत भंडार है। जिसे लूटने होड़ मची हुई है। एक तरफ खदानों में कोल माफिया सक्रिय हैं, तो दूसरी ओर तस्करों से जंगल भी सुरक्षित नहीं है। वे हरे भरे पेड़ों की कटाई कर पर्यावरण को नुकसान तो पहुचा रहे हैं. कोयले का अवैध उत्खनन कर वनभूमि को खोखला करने में भी तुले हुए हैं। विडंबना तो यह है कि जंगल की सुरक्षा के दंभ भरने वाले अधिकारी कर्मचारियों को अवैध गतिविधी की भनक तक नही हैं।

वन अवरोध बैरियर सवालो के घेरे में

सूत्रों कीमाने तो वन अवरोध बैरियल पर बैठे कर्मचारियों की भी संलिप्तता साफ दिखाई देता है क्योंकि रानीअतारी खदान के जंगल में दो तीन अवैध खदान संचालित हो रही है और वहाँ बैठे कर्मी को पता नहीं हो यह संभव नहीं है गाड़ी लोड लेकर बैरियल के रास्ते से ही गुजरती है ,

सैया भय कोतवाल अब डर काहे का यह कहावत पसान रेंजर रामनिवास दहायत पर फिट बैठती है क्योंकि जब से इन्होंने वन परीक्षेत्र अधिकारी पसान का पदभार ग्रहण किया है तभी से जंगलों की कटाई वन अवरोध बैरियल में वसूली ,जंगल से कोयला चोरी की घटना बढ़ गई है अब देखना है इस बार क्या कार्यवाही होती है या एक पखवाड़े बाद यह काम बदस्तूर जारी रहता है