देवरिया,शिक्षा विकास का मूल आधार व संगठन अधिकार प्राप्ति का माध्यम- चौधरी लोटन राम निषाद 

शिक्षा विकास का मूल आधार व संगठन अधिकार प्राप्ति का माध्यम- चौधरी लोटन राम निषाद

- स्वर्ण समाज की अच्छाइयों को आत्मसात करें निषाद समाज
- निषाद समाज ने केंद्र व राज्य सरकार से अनुसूचित जाति में आरक्षण की मांग की

बरहज/ देवरिया । निषाद समाज आजादी से पूर्व देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हुआ करता था और सारे व्यापारिक कार्यों का संचालन निषाद समाज की नौकाओं के माध्यम से होता था । साधन संसाधनों के अविष्कार के बाद निषाद समाज की नावें बेकार हो गई और निषाद समाज बेकारी व बदहाली की स्थिति में पहुंच गया । उक्त बातें राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लोटन राम निषाद ने कपरवार में निषाद वंशीय समाज की बैठक को संबोधित करते हुए कहा । उन्होंने कहा कि निषाद समाज के पिछड़ेपन का कारण अशिक्षा, अज्ञानता ,संगठन की कमजोरी, अंधश्रद्धाभक्ति व हीनभावना को बताते हुए शिक्षा को विकास का मूल आधार व संगठन अधिकार प्राप्ति का माध्यम बताया । श्री निषाद ने कहा कि सवर्ण समाज की अच्छाइयों को आत्मसात करने से ही निषाद समाज का समग्र विकास संभव है । उन्होंने समाज के लोगों से बिना भेदभाव के बेटे और बेटियों को उत्तम शिक्षा दिलाने व अधिकारों की प्राप्ति के लिए संगठित होकर संघर्ष का आह्वान किया ।
जितेंद्र कुमार भारत ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार अपने वादा के अनुरूप निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल मझवार , तुरैहा को परिभाषित कर इनकी पर्यायवाची समनामी जातियां मल्लाह, केवट ,मांझी, विन्द , धीवर आदि को अनुसूचित जाति का आरक्षण दे और केंद्र सरकार फिशरमैन विजन डाक्यूमेंट्स के संकल्पों को पूरा करने के साथ-साथ वीर एकलव्य के नाम पर खेल पुरस्कार शुरू करने तथा आगरा व अंबेडकर नगर स्थित एकलव्य स्टेडियम में महान धनुर्धरवीर एकलव्य की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग की ।
चिंतामणि साहनी ने कहा कि शिक्षा, संघर्ष, संकल्प व सहयोग के साथ-साथ आत्मविश्वास, दृढ़ इच्छाशक्ति व प्रतिस्पर्धा की भावना से समाज को तरक्की के मार्ग पर ले जाया जा सकता है ।
बैठक की अध्यक्षता रामहोशीला साहनी व संचालन सुभाष निषाद ने किया । इस दौरान सुरेश निषाद, राजेश साहनी, दीनानाथ निषाद, विजय निषाद ,संजय भारतीय, विनोद साहनी ,गुलाब साहनी, राजकेश्वर साहनी ,अनीता निषाद, चंद्रावती निषाद, शकुंतला देवी ,विमला देवी, रामावती देवी ,पार्वती देवी, बबीता देवी ,सुनीता, कमलावती , रमा, चिंता देवी, मुन्नी देवी, कलावती देवी आदि मौजूद रहीं ।