नियमों को ताक पर रखकर, स्वास्थ्य महकमे में खेला जा रहा अटैचमेंट का खेल

गोंडा।ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर इटियाथोक सीएचसी की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े होते रहे हैं।राज्य सरकार भले ही ट्रांसफर पालिसी आने के बाद पारदर्शिता लाने की बात कर रही हो,लेकिन हकीकत यह है कि विभाग में बैठे कुछ कर्मचारी इस व्यवस्था का भी तोड़ निकालने में कामयाब रहे हैं।

इसी में से एक अटैचमेंट व्यवस्था भी है,जिसका फायदा यहां कई बार कर्मचारी और अधिकारी अपने रसूख के बलबूते पर लेते रहे हैं।न केवल स्वास्थ्य बल्कि शिक्षा विभाग में भी अटैचमेंट को लेकर नियमों के उलट कर्मचारियों की नियुक्ति पर सवाल खड़े होते आए हैं।पिछले लंबे समय से इटियाथोक सीएचसी में भी अटैचमेंट के बल पर सुगम स्थल में तैनाती की बातें सामने आ रही है।बताया जा रहा है, कि यहां लैब असिस्टेंट पद पर तैनात कर्मचारी उमेश तिवारी सारे नियमों को ताक पर रख कर काफी अरसे जिला चिकित्सालय में अटैचमेंट है।

वेतन मूल पदस्थ स्थान से लेकिन सेवाएं कहीं और

जन चर्चा है कि अधिकारियों द्वारा इस कर्मचारी को निजी सुविधा के लिए उनके मूल पदस्थापना स्थान से जिला चिकित्सालय संलग्नीकरण किया गया है, जिसके फलस्वरूप उस संस्था को संबंधितों की सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।ज्ञातव्य है कि उक्त कर्मचारी संलग्नीकरण के रास्ते जिला अस्पताल में पदस्थ हैं जबकि संलग्नीकरण पर शासन द्वारा रोक है।विभागीय सूत्रों की मानें,तो ऐसे कर्मचारी के वेतन का आहरण तो उनके मूल पदस्थ स्थान से होता है लेकिन वे सेवाएं कहीं और दे रहे होते हैं।मामले में सीएचसी अधीक्षक सुनील कुमार पासवान का कहना है, कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।