शारदीय नवरात्र की आज तीसरे दिन में किया गया मां चंद्रघंटा की पूजान आराधना

वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।

मां दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि के तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन आराधना किया जाता है। इनका यह स्वरूप परम शांति दायक और कल्याणकारी है।इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है।इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है।मां चंद्रघंटा के पास 10 हाथ हैं।इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं।इनका वाहन सिंह है।नवरात्रा की दुर्गा उपासना के लिए तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है। इस दिन साधक का मन मणिपूर चक्र में प्रविष्ट होता है। मां चंद्रघंटा की कृपा से उसे अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएं विनष्ट हो जाती है।इनकी आराधना सद्द: फलदाई है।,हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखते हुए साधन की ओर अग्रसर होने का प्रयास करना चाहिए। उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए परम कल्याणकारी और सद्गगति को देने वाला है।वाल्मीकि नगर क्षेत्र के सभी पूजा पंडालों व मंदिरों में पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जा रही है। वही अधिक घरों में मां दुर्गा का पाठ भी किया जा रहा है।