माधव तुमको महाभारत से कुछ ज्यादा करना होगा

धरती पर जब पाप बढ़े हैं अब तो तुम अवतार धरो।
आ जाओ हे कृष्ण मुरारी दुष्टों का संहार करो।
शस्त्र उठाओगे इस युग में ये वादा करना होगा।
माधव तुमको महाभारत से कुछ ज्यादा करना होगा।
चक्र सुदर्शन के डर से इस धरा पे पाप नहीं होंगे।
सौ सौ गलती करने पर शिशुपाल माफ नहीं होंगे।
दुर्योधन को गलती पर इस बार नहीं तुम छोड़ोगे।
गर जंघा को पीटे वो तुम वहीं पे जंघा को तोड़ोगे।
कर्ण और दुःशासन को जब साथ दुष्ट के पाओगे।
आश्वासन दो हे केशव सीने पर बाण चलाओगे।
मामा शकुनि घर में घुसकर चाल जुआ की खेलेगा।
चक्र सुदर्शन आगे बढ़कर उसकी जान वहीं लेगा।
नारी का अपमान देखकर मौन भीष्म जो साधेन्गे।
नवनीतनटन आगे बढ़कर उनको शैया पर टांगेंगे।
जब गुरु द्रोण से ज्ञानी भी दुष्टों के साथ में आएंगे।
तब पार्थ सारथी नारायण के हाथ से मृत्यु पाएंगे।
बनकर के धर्म कर्म योगी ब्रह्माण्ड पे सारे छा जाओ।
लेकर के अवतार दयानिधि इस धरती पर आ जाओ।
जन्मदिवस है आज आपका बोलो दावत क्या दोगे।
अपनी है केवल यही मांग अवतार धरा पर तुम लोगे।

ओमपाल सिंह "विकट"।
धौलाना,हापुड़,उत्तरप्रदेश।