चकिया- ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का ढोल नगाड़े के साथ लोगों ने किया विदाई, मीणा ने भी लगाए ठमके

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया- तेजतर्रार आईपीएस अफसर एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा चकिया में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे। जिनका स्थानांतरण मंगलवार को शासन द्वारा कर दिया गया। वही कानपुर जनपद में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनात किया गया। जिसके बाद नगर स्थित तहसील सभागार में लेखपाल संघ द्वारा एक विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन रखा गया।जिसमें लोगों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा को बुके स्मृति चिन्ह देकर एवं माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया।वहीं प्रेम प्रकाश मीणा ने भी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया।

वहीं उन्होंने कहा कि लोगों को कुछ ऐसा करना चाहिए और एक दूसरे को जागरूक करते रहना चाहिए जो कि समाज के हित में हो और आम जनता को उसका लाभ मिल सके। वहीं उन्होंने कहा कि कोई भी सामाजिक कार्य करने के लिए अकेले नहीं हो सकता क्योंकि अकेला चना कभी भी भाड़ नहीं फोड़ता। उसके लिए कई लोगों की जरूरत पड़ती है और संगठित होकर के कार्य करना पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चकिया तहसील में जो यहां 1 साल 14 दिन का हमारा कार्यकाल रहा। उसमें समय के साथ खट्टे अनुभव ही मीठे अनुभव में तब्दील हो गए। और किस कार्यकाल के दौरान लगभग तहसील में अब तक 5000 प्रार्थना पत्र पडे़।जो कि अब तक पूरे जिले में रिकॉर्ड बना चुका है।

इस दौरान तहसीलदार आलोक कुमार सहित लेखपाल, जनप्रतिनिधि सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

*1 वर्ष में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बनाया इतिहास*
वहीं आपको बताते चलें कि चकिया तहसील में कार्यरत रहने के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने कई ऐसे कार्य कर दिखाएं जो कि किसी से नहीं हो पाया और आने वाले समय में भी संभव नहीं था। और प्रेम प्रकाश मीणा द्वारा किए गए कार्यों को इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा। और आने वाले पीढ़ी भी उनके कार्यों को याद रखेगी। एक वर्ष में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट में चकिया तहसील के अंतर्गत अनेकों कार्य का इतिहास बना दिया।

*लोगों के कार्यों को कुंम्हार के घड़े का रूप दे गए मीणा*
आपको बता दें चकिया ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने विदाई समारोह के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरीके से एक कुंम्हार मिट्टी के बर्तनों को अपनी चाक पर नचा कर आकर्षक रूप देता है। उसी प्रकार लेखपाल सहित अन्य कर्मचारियों को भी निर्देशित किया जाता रहा जिससे कि अपनी फरियाद लेकर आतिफ तक पहुंचने वाले आम जनता के समस्याओं का हल हो सके।और दोबारा उन्हें ऑफिस तक दौड़ने की जरूरत ना पड़े।

*बिना समस्याओं के नौकरी पर क्यों रखती सरकार*
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि राजस्व विभाग से संबंधित आम जनता के किसी भी प्रकार की समस्याएं अगर नहीं होती। तो सरकार प्रदेश और देश में विभागीय अधिकारियों को क्यों तैनात करती। अगर समस्याओं का हल खुद ही निकल जाता तो सुबह से शाम तक लाइन लगाकर लोग तहसील का चक्कर काटते क्यों नजर आते। महीना से लेकर कई वर्षों तक परेशान हो रहे लोगों के समस्याओं का हल करना है एक जिम्मेदार अधिकारी का महत्वपूर्ण कार्य है।

*बस्ती जनपद से शुरू हुई न्याय आपके द्वार की पहल*
आपको बताते चलें कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा द्वारा ऑफिस में जनता दर्शन के कार्यों को देखने के बाद न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर लोगों की समस्याओं को सुनकर मौके पर निस्तारण किया जाता है जिसको लेकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से हुई थी। जहां मन में विचार आया कि जब तक कार्यालय पहुंचकर अपनी फरियाद लगाने वाले पीड़ित का काम खत्म नहीं हो जाता तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे और उसके काम को करते रहेंगे अगर मौके पर जाकर खत्म होने लायक रहेगा तो वह वहां जाकर किया जाएगा। इसी के तहत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा प्रतिदिन दर्जनभर गांव में पहुंचकर कई समस्याओं को मौके पर निस्तारित कराया जाता है। और खास तौर से इसी को लेकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा लोगों के दिलों पर राज करते हैं।

*अगर नहीं दे सकते जनता को सेवा तो हमारा आईएएस बनना बेकार*
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि अगर हम एक जिम्मेदार अधिकारी आईएएस अफसर बनकर आम जनता को सेवा नहीं दे सकते। और उनकी समस्याओं का हल नहीं कर सकते तो हमें इस विभाग में नौकरी करना और एक आईएएस अफसर बनना बेकार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा सिर्फ एक फरियादी का कागज पकड़ लेंगे से काम नहीं होता है। बिना निस्तारण किए ही मामले को दबाए रखना एक अधिकारी के नौकरी पर धिक्कार है।

आपको बता दें ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के कार्यकाल के दौरान एसडीएम कोर्ट में अब तक लगभग 116 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। वहीं से लेकर 150 नामली बचे होंगे।