राजस्व विभाग व नगरपालिका के उदासीनता के चलते बाबा के बुल्डोजर के अरमानों पर फिर रहा पानी।

लेखक-- जमाल खांन पत्रकार।

मौदहा हमीरपुर। कस्बे के अतिक्रमण में नगरपालिका के आदेश के बावजूद अतिक्रमणकारियों पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है, जिस पर यहां के लोगों में दिन प्रतिदिन अतिक्रमण करना आम बात हो गई है, जिस पर मौदहा नगरपालिका ने भी अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए यहां के अतिक्रमणकारियों की जमकर बल्ले बल्ले हो रही है।
अवगत हो कि योगी सरकार के सत्ता में वापसी करने के बाद अतिक्रमणकारियों पर मुख्य निशानदेही की गई थी,जिस पर पूरे प्रदेश में भू माफियाओं के खिलाफ एंटी भू माफिया अभियान चलाया जा रहा था लेकिन जब यह मामला हमीरपुर पहुंचा तो यहां के जिलाधिकारी ने भी इस अभियान को जारी रखने के निर्देश दिए और उस आदेश का पालन करते हुए सम्बंधित अधीनस्थों ने भू माफियाओं को नोटिस भी जारी कर दिया। इस आदेश के मिलने के बाद भू माफियाओं में खलबली मच गई थी लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे नगरपालिका द्वारा जारी निर्देशों के बाद भू माफिया भी ढीले पड़ते जा रहे हैं और नगरपालिका भी मामले को ठंडे बस्ते में डालती हुई नजर आ रही है। अवगत हो कि कस्बे के अरतरा चौराहा से लेकर बड़ा चौराहे तक मुख्य मार्ग में अतिक्रमण किये हुए दुकानदारों को नोटिस जारी होने के बाद उनमें खलबली मची थी लेकिन नगरपालिका के ढुलमुल रवैया को देखकर अतिक्रमणकारियों ने भी राहत की सांस लेनी शुरू कर दी है। बताते चलें कि यहां के सैकड़ों वर्ष पूर्व के तालाबों की अधिकृत जमीनों पर भू माफियाओं का कब्जा है जिनमें बड़ी बड़ी इमारतें निर्माण हो चुकी हैं। ठीक इसी तरह इसी विकासखंड के तमाम गांवों में भी भू माफियाओं ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे कर रखे हैं जिस पर राजस्व विभाग भी उन माफियाओं के ऊपर आशीर्वाद स्वरूपी हांथ रखे हुए हैं,वह चाहे कब्रिस्तान की भूमि पर हों अथवा गौचारा की भूमि पर,इन जमीनों के साथ साथ माफियाओं ने गांवों में आवंटित क्रीड़ा भूमि पर भी कब्जे कर रखे हैं लेकिन गुलाबी नोटों की आई आंधी राजस्व विभाग को भी अपनी चपेट में लेकर भू माफियाओं के द्वार पर खड़ी कर देती है और वहां से इन नोटों से तृप्त होकर सरकारी भूमि के रखवाले उन सभी माफियाओं के द्वारा कब्ज़ा की गई भूमि को उनकी पुश्तैनी भूमि बताकर मामले को रफा दफा कर देते हैं। जिससे यहां के लोगों का मानना है कि बाबा के बुल्डोजर का कस्बा तथा यहां के गांवों में कोई असर देखने को नहीं मिलेगा।