चाँदपुर क्षेत्र की गलियारों में चुनावी चर्चा

बिजनौर जिले कै चांदपुर में जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक अति जारही वेसे वैसे वोटर भी खुलता जा रहा है वोटरों में बदलाव भी आने लगे है कोई किसी की बात करहा है तो कोई किसी की सब अपनी समझ के साथ स्वतंत्र है दूसरी ओर प्रत्याशियों के अच्छे बुरे के बारे चर्चा करता है जनता जनार्धन में तेजी से होने वाली चुनावी चर्चाओं में बीजेपी व सपा अथवा बसपा के बारे में जब चर्चा होती है तो ज्यादातर प्रत्याशियों की अच्छाई बुराई निकली जाती चाँदपुर विधानसभा 23 में आजकल एक चर्चा बड़े जोरो पर है कि दो दिन पहले चाँदपुर में एक ऐसे आदमी ने सपा की कमान संभाली है जिसकी पूर्व में एक सभा मे लोगों ने कुर्सी और बर्तन उठा लेगये थे ये वही है जिसकी वजह से एक चाँदपुर नगर पालिका में ठेकेदारी करने वाले युवक जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी जिसमें महीनों तक उनको गायब रहना पड़ा था म्रतक ने अपनी फेसबुक अकाउंट पर लिखा था की जिमेदार यही व्यक्ति है उसको ईस कदम को उठाने के लिए मजबूर करने वाला यही महाशे है इसी तरह बीजेपी के बारे में भी चर्चा है बताया जा रहा है के एक गांव मै लोगों से वोट मांगने गए लोगों को 5 साल बीत जाने कै बाद फिर अब दिखा हैं तो वोटों के समय बीचमें कोई खबर नही पांच वर्षों में किसको कितना परेशानियों से गुजरना पड़ा ये कोई नहीं जानता ईसी को लेकर ग्रामीणों ने बहिस्कार करदिया खेर चुनाव में ये सब आम बात है लेकिन इसमें एक खाश बात ये देखी जा रही है के बसपा प्रत्याशी के बारे में कोई कुच्छ नही कहता लोग पार्टी को नही बल्कि ये ज्यादा पसन्द कर रहे है कि कौन किस तरह से जनता का हमदर्द साबित होगा कौन जनता में घुल मिलकर रहने वाला है गलियारों में ये चर्चा का विषय है कि ऐसा एक ही शख्स है जो पहले भी जनसेवा का कार्य कर रहा था और अब एक अच्छे समाजसेवी के रूप में नजर आरहा है वो है सिर्फ डॉ शकील हाशमी जिसके चर्चें नगर व देहांत ग्रामीण क्षेत्रों में गूँज ते दिखाई दे रहे है तभी तो खानपुर कमलपुर हो या बास्टा कई जगहों पर घूमने के बाद देखा गया कि इसबार लोगों के दिलों में पार्टी नही बल्कि अच्छे सोभाव वाले इन्सान को ही अपना विधायक बनाने के लिए जनता हाशमी को चुन रही है अगर ऐसा हुआ तो चाँदपुर विधानसभा को एक अच्छा प्रतिनिधि मिल जाये गा वैसे भी इस पार्टी से दो बार पहले भी विधायक रह चुके जिनके बारे में जनता तारीफ करते नही थकती लेकिन चुनाव में कब किया हो ये समझना बड़ा मुश्किल है