जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण चिंतित,बैराजों से छोड़ा गया दो लाख 71 हजार 104 क्यूसेक पानी -

बहराइच - पहाड़ों पर अचानक शुरू हुई बारिश के बाद नेपाली नदियां एक बार फिर उफना गयी है। बैराजों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। मंगलवार को जिले के तीनों बैराजों से दो लाख 71 हजार 104 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे घाघरा का जलस्तर बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों के बासिंदों की धुकधुकी बढ़ने लगी है। बाढ़ क्षेत्र के किसानों राजन मिश्र,बहोरी,ननकुन्ना,रमेश कुमार का कहना है कि इस बार भीषण बाढ़ न आने के कारण घाघरा के कछार में धान की फसल तैयार होने की उम्मीद है। धान की फसल कटने को है। ऐसे में यदि नदी उफना गई और खेतों में बाढ़ का पानी भर गया तो सारी मेहनत चौपट हो जाएगी। कुछ किसानों का कहना है जलस्तर बढ़ने के कारण नदी के उस पार जाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार की सुबह आठ बजे एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 104.516 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 1.55 मीटर नीचे बह रही है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि मंगलवार की सुबह आठ बजे शारदा बैराज से एक लाख 49 हजार 870, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख सात हजार 287 व सरयू बैराज से 13 हजार 947 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। तहसीलदार महसी डा. सुनील ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में राजस्वकर्मी तैनात हैं। फसल नुकसान होता है तो उसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। पहाड़ों पर बारिश के चलते यह पानी छोड़ा गया है। नदी खाली है। इस पानी का आबादी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राजस्वकर्मी ग्रामीणों को सतर्क रहे हैं कि वह नदी क्षेत्र से खुद को एवं पशुओं को दूर रखें।