शिकायतों के निस्तारण के मामले में प्रदेश में फिसड्डी रहा चंदौली जनपद, पहुंचा सबसे नीचे के स्थान पर

शिकायतों के निस्तारण के मामले में प्रदेश में फिसड्डी रहा चंदौली जनपद, पहुंचा सबसे नीचे के स्थान पर

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली- आम व्यक्ति की शिकायतों का निस्तारण हो सके इसके लिए जन सुनवाई नागरिक ऑनलाइन सेवा शुरू की गई है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपनी समस्या को अधिकारियों के संज्ञान में लाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के यहां तक गुहार लगा सकता है। ऑनलाइन शिकायत पर पूरे प्रदेश में ध्यान दिया जाता है। लेकिन यहां के मदमस्त अधिकारियों ने इस पर ध्यान देने की जरूरत ही नहीं समझी जिसका परिणाम है कि चंदौली जिला प्रदेश में 75 में स्थान पर अर्थात सबसे नीचे आया है। यह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी गंभीरता से लिया तब अधिकारियों की नींद उड़ गई।

चंदौली जनपद में इक्का-दुक्का अधिकारियों को छोड़ दिया जाए तब अधिकांश अधिकारियों की आदत समय से कार्यालय नहीं आने की बनी हुई है।अगर आप ही गए। तब खास लोगों से मिलकर दूसरे दरवाजे से खिसक लिए।आम जनता इंतजार ही करते रह जाती है। लेकिन लोगों से दूरी बनाकर रहना अधिकारी ज्यादा उचित समझते हैं। अगर किसी ने गलती से साहब लोगों के फोन पर बात करना चाहा।तब फोन उठ नहीं सकता।अगर उठ गया तब किसी अधीनस्थ की आवाज गूंज जाएगी। साहब मीटिंग में है। बाद में बात होगी। बात कब आएगा यह बताने वाले को भी पता नहीं। काम हो चाहे ना हो। लोग अधिकारियों से अपनी बात कह कर ही काफी संतुष्ट हो जाते हैं। यहां मौजूदा अधिकारी लोगों से बात करना दूर उनसे दूरी बनाना ज्यादा उचित समझते हैं। यह जरूर है कि वातानुकूलित कमरों में बैठकें जरूर लंबी लंबी चलती हैं। काम की गति तेज हो सके। इसके लिए युवा और रिटायरमेंट के नजदीक वाले दोनों तरह के अधिकारी इस पिछड़े हुए जिले में भेजे गए हैं। गैर अनुभवी और अनुभवी दोनों तरह के यह अधिकारी लोगों के शिकायतों के निस्तारण के बजाय दूसरे कामों में ज्यादा ध्यान दे दिए। इसमें इक्का-दुक्का अधिकारियों को छोड़कर अधिकांश जो युवा हैं। वह बिना समय गवाएं तत्काल समेटने में लग गए। वही जो सेवानिवृत्त के नजदीक वाले घाट घाट का पानी पीकर जो अनुभव प्राप्त किए हैं उसका पूरा सदुपयोग भाति भाति तरीके से करने में लगे हुए हैं।इसका परिणाम हुआ की मुख्यमंत्री संदर्भ,डीएम जनसुनवाई संदर्भ, तहसील समाधान दिवस, थाना समाधान दिवस,ऑनलाइन शिकायतों का निस्तारण, मामले में जिला दुर्गत को प्राप्त हो गया।

जबकि इस व्यवस्था में बकायदा नंबर निर्धारित है। इसमें पोर्टल पर शिकायतों की मशीन और अग्रसारण पर 10 नंबर, 0 डिफाल्टर संदर्भ होने पर 50 नंबर,सी श्रेणी के प्राप्त संदर्भ पर 15 नंबर, शिकायतों को प्रतिबद्ध करने पर 10 नंबर, और संदर्भों की फंडिंग करने पर 10 नंबर दिए जाते हैं। इस तरफ से कुल नंबरों पर रेटिंग की जाती है।अब जबकि जिले की इस दुर्दशा पर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी सार्वजनिक कर दिया है।तब सीडीओ और एडीएम को नोडल अधिकारी और कई जनपद और तहसील स्तरीय अधिकारियों को सहायक नोडल अधिकारी बनाकर शिकायतों का निस्तारण में पूरी सरकारी अमला लगा हुआ है।इससे जिले का स्थान अंतिम पायदान से आगे बढ़ पाएगा। इस पर लोगों की निगाहें लगी हुई है।