जानिए किस तरह से चंदौली जनपद से जुड़े हैं लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों के तार,सवालों के घेरे में सवालों के घेरे में सुरक्षा एजेंसियां

जानिए किस तरह से चंदौली जनपद से जुड़े हैं लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों के तार,सवालों के घेरे में सवालों के घेरे में सुरक्षा एजेंसियां

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली- लखनऊ में काकोरी स्थित एक मकान से पकड़े गए आतंकियों ने बड़ा खुलासा किया है। एटीएस की कोर्ट को प्रस्तुत रिपोर्ट पत्र में आतंकियों के असलहा और कारतूस खरीदने के बाबत चंदौली समेत चार जिलों के नाम प्रकाश में आए हैं। आतंकियों के मुताबिक उनके द्वारा चंदौली, कानपुर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद से असलहे और कारतूस खरीदे गए थे।
अलकायदा संगठन समर्थित पकड़े गए आतंकियों के इस खुलासे के बाद सुर्खियों में बने रहे जनपद चंदौली के सुरक्षा तंत्र पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। विदित हो कि आपराधिक घटनाओं और प्रवृत्तियों के मौजूदा आंकड़े भी जनपद के सुरक्षा महकमे पर हमेशा सवाल उठाते रहे हैं।

बता दें कि पूर्व के दिनों में भी जनपद चंदौली आतंकी गतिविधियों के कारण सुर्खियों में आया था। मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चौरहट गांव से दो वर्ष पूर्व आर्मी इंटेलिजेंस और एटीएस की संयुक्त टीम ने राशिद को आइ एस आई एजेंट के रूप आतंकी गतिविधियों की संलिप्तता के तहत गिरफ्तार किया था। उसके द्वारा पाकिस्तान कि खुफिया एजेंसी के लिए रेकी का कार्य किया जाता था।
इसके अलावा पीडीडीयु नगर जंक्शन से भी कई बार असलहों कि खेप विभिन्न ट्रेनों से बाहर सप्लाई के लिए लेे जाते समय अभियुक्तों से बरामद हुई है। वैसे भी जनपद चंदौली बिहार के बार्डर से सटा जनपद है। अब सवाल उठता है कि चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था का दावा करने वाले सुरक्षा तंत्र के इतने बड़े नाकामी का कारण क्या हो सकता है।