चकिया-रक्षामंत्री के गृहनगर की विद्युत व्यवस्था ध्वस्त,जनता है त्रस्त,मंत्री,बिधायक व सांसद जी हैं मस्त 

चकिया-रक्षामंत्री के गृहनगर की विद्युत व्यवस्था ध्वस्त,जनता है त्रस्त,मंत्री,बिधायक व सांसद जी हैं मस्त

चकिया- जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरे प्रदेश भर में विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चला कर घर घर बिजली पहुंचाने का दावा करती है। लेकिन कहीं-कहीं योगी सरकार के दावे पूरी तरह से फेल साबित होते नजर आते हैं।हर खुद शासन सत्ता में ऊंचे पदों पर रहने वाले राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के घर में ही विद्युत व्यवस्था ध्वस्त नजर आती है।

जी हां हम बात कर रहे हैं चंदौली जनपद के चकिया तहसील क्षेत्र के भभौरा गांव निवासी व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की। जहां उनके गृह नगर चकिया में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। और विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से उमस भरी गर्मी में लोगों का हाल बेहाल हो जा रहा है और समय से बिजली ना आने पर लोग त्रस्त हैं। वही तहसील क्षेत्र के विद्युत व्यवस्था को सही कराने में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि पूरी तरह से नाकाम है।और अपने में ही मस्त पड़े हुए हैं

*गहरी निद्रा में सो रहे क्षेत्रीय सांसद और विधायक*
बता दें कि चंदौली जनपद के चकिया विधानसभा और लोकसभा के राजनीतिक दल के नेताओं की स्थिति दयनीय है। चकिया क्षेत्र के विकास के लिए अब तक ना तो सांसद और ना ही विधायकों ने प्रदेश और केंद्र में सत्ता की सरकार होते हुए भी कोई सुधि ली। जिससे चकिया विधानसभा सहित नक्शा क्षेत्र में भी विकास कार्य काफी पीछे हैं। आपको बता दें कि राजनीतिक दल के लोग केवल चुनावी दौरा करना ही ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचते हैं और ग्रामीणों को लालीपाप दिखाकर और ले लेते हैं उसके बाद 5 साल तक गांव में नजर नहीं आते। और क्षेत्रीय विकास कराने के बजाय गहरी निद्रा में सोते हैं। रावटसगंज लोकसभा के सांसद पकौड़ी लाल कोल की तो बात ही मत कीजिए चुनावी दौरे के बाद चकिया में सांसद नजर तक नहीं आए। आपको यह भी बताते चलें कि चकिया विधानसभा और रावटसगंज लोकसभा के ऐसे विधायक और सांसद हैं जिनको आधे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग तो देखे ही नहीं होंगे कि हमारे सांसद और विधायक का चेहरा कैसा है। तो उस जनप्रतिनिधियों से क्या उम्मीद लगाएं।

*प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और चंदौली जिले के प्रभारी मंत्री के दावे रहे फेल*
बताते चलें उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री और चंदौली जनपद के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल से भी चंदौली जनपद में विद्युत व्यवस्था में गड़बड़ी होने का लोगों ने शिकायत किया था जिसको लेकर प्रभारी मंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही विद्युत व्यवस्था की खामियों को दूर करा दिया जाएगा और सुचारू रूप से विद्युत व्यवस्था चलेगी। लेकिन जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करने में चंदौली जनपद के प्रभारी मंत्री भी पूरी तरह से फेल साबित हुए और अब तक नहीं सुधर सकी।

*बसपा सरकार में चकिया में हुआ था पावर हाउस का निर्माण*
बता दें उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी कि सरकार में 2010- 11 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से चकिया के तत्कालीन विधायक जितेंद्र कुमार एडवोकेट ने चकिया में नया पावर हाउस का निर्माण कराया। पावर हाउस पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका था केवल उद्घाटन बाकी था। तब तक प्रदेश में सरकार बदल गई और समाजवादी पार्टी की सरकार के समय चकिया के तत्कालीन विधायक पूनम सोनकर के नेतृत्व में पावर हाउस परिसर में कार्यक्रम का आयोजित किया गया था और लखनऊ से तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रिमोट के द्वारा पावर हाउस का उद्घाटन किया था जिसके बाद तहसील क्षेत्र में नए पावर हाउस से विद्युत आपूर्ति शुरू की गई थी।लेकिन वर्तमान में केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के बाद भी विद्युत व्यवस्था को लेकर किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि ने कोई सुधि नहीं ली। जिससे तहसील क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होती जा रही है।

*साफ सफाई के अभाव में जंग खा रही मशीनरियां*
बता दें कई सालों पहले विद्युत विभाग के परिसर में नया पावर हाउस जब से स्थापित किया गया है तब से लेकर अब तक विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा उसकी साफ सफाई नहीं की गई और ना ही इसको लेकर विभागीय अधिकारियों ने ही कोई सुधि ली। जिससे खुले आसमान के नीचे होने से उनकी मशीनरी ओं में जंग लग चुका है।और अचानक बरसात के दौरान व ब्लास्ट कर जाती हैं।

*ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बांस बल्ली व लकड़ी के खंभों के सहारे जाती है विद्युत आपूर्ति*
बताते चलें कि जहां एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे योगी सरकार विद्युत आपूर्ति पहुंचाने का दावा करती है लेकिन कहीं कहीं तो गांव में विद्युत आपूर्ति पहुंचाने के लिए सही ढंग से खंभे और तार तक नहीं लगाए गए हैं। एक गांव के लोग दूसरे गांव के लोगों के सहयोग से बांस बल्ली और लकड़ी के खंभों के सहारे विद्युत आपूर्ति लेकर किसी तरह अपना काम करते हैं। इसके लिए भी ग्रामीणों द्वारा कई बार जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाया जा चुका है लेकिन ग्रामीणों का सुनने वाला कोई नहीं है।