सर्दी- बुखार जैसे लक्षण नजर आएं तो  चिकित्सक से लें परामर्श 

ठंडी वस्तुओं से भी करें परहेज

कासगंज जनपद । में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है । कोरोना संक्रमण की चपेट में आते ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है । इस वक़्त कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की समस्या को देखते हुए चिकित्सकों का कहना है कि बुखार और कोविड -19 से मिलते जुलते लक्षण दिखते ही अगर मरीज सावधान हो जाएं और चिकित्सकों से संपर्क कर दवा लेना शुरू कर दें तो उन्हें ऑक्सीजन की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी । ऐसे में सिर्फ उन्हीं मरीजों की हालत गंभीर हो रही है जिन्होंने कोरोना संक्रमण के शुरुआती लक्षण को नजरअंदाज कर दिया था ।

कोरोना उपचाराधीनों के इलाज में लगे सयुंक्त चिकित्सालय के आकस्मिक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राज किशोर का कहना है कि कोरोना से निपटना बहुत आसान है । वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद है ?,लेकिन फोन कॉल द्वारा डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं| निजी अस्पतालों में खांसी, बुखार, जुकाम के मरीज पहुंच रहे हैं । बुखार या खांसी की शुरुआत होते ही खासकर ग्रामीण इलाकों के लोग या तो इसे नजरअंदाज कर देते हैं या फिर अप्रशिक्षित डॉक्टर के चंगुल में फंस जाते हैं । इसके चलते उन्हें सही इलाज नहीं मिल पाता है । तीन से चार दिन गलत इलाज के चलते उनके फेफड़ों में संक्रमण फैल जाता है ?। इसके बाद वह चिकित्सक के पास पहुंचते हैं, जिससे उनकी हालत गंभीर हो जाती है और जान जोखिम में पड़ जाती है ।

डॉ. राजकिशोर का कहना है कि कोरोना के लक्षण दिखते ही चिकित्सक की देखरेख में इलाज शुरू करने से अधिकतर लोग ठीक हो रहे हैं| इसके इलाज के लिए सरकारी गाइडलाइन के तहत होने वाला इलाज ही काफी कारगर है ।

बिना किसी झिझक के डॉक्टर से लें सलाह :

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि बुखार या बदन दर्द के लक्षण देखने के बाद एक से दो दिन के अंदर जो भी इलाज के लिए अस्पताल पहुंच गया तो उसे ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ सकती । शुरुआती लक्षणों के बाद बिना झिझके तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें, ऐसा करने से कोरोना संक्रमण होने के बाद अधिक नुकसान नहीं होगा साथ ही जल्दी स्वास्थ्य हो जायेंगे |
डॉ. राजकिशोर ने बताया अस्पताल में सभी डॉक्टर ,नर्सेज, वार्ड बॉय,वार्ड आया, व सफाई कर्मचारी दिन रात एक होकर कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों की सेवा पूर्ण निष्ठा से कर रहे हैं । जिसके फलस्वरूप बड़ी संख्या में कोरोना मरीज़ स्वस्थ होकर घर वापस जा रहे हैं। वह 24 घंटे अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की देखभाल कर रहे हैं।

सावधानी बरतें व कोविड-19 के नियमों का पालन करते रहे:
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजकिशोर ने बताया कि कोरोना से बचाव में टीकाकरण की अहम् भूमिका है। कोरोना संक्रमण टीका लगने के बाद भी हो सकता है, लेकिन यह जानलेवा नहीं हो पाएगा। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें मास्क लगाएं, शारीरिक दूरी, सैनिटाइज़र और साबुन से नियमित हाथ धोएं । भीड़ भाड़ वाली जगह पर न जाएँ | ज़्यादा ज़रूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें| ठंडी वस्तुओं के सेवन से बचें और गर्मी से आते ही तुरंत पानी न पिएँ |