उठक बैठक कर माफी मांगने को मजबूर हुए पत्रकार को धमकाने वाले।

आज देश में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकार हकीकत में सुरक्षित नहीं है। खुद भूखा रहता है लेकिन समाज के भूखे परिवारों के लिए उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाने का कार्य सिर्फ एक पत्रकार ही करता है, बिन पैसे का मजदूर रात दिन भागकर खबरें एकत्रित करके सबको दिखाता है कि आज क्या हुआ और कल क्या होने वाला है। लेकिन फिर भी पत्रकारों पर आये दिन हो रहे हमले काफी चिंता का विषय है। आज के समय में पत्रकारों को पत्रकारिता करने की रुपरेखा को बदलना पड़ेगा और अपने अधिकारों को हनन होने से बचाना होगा। वैसे तो पत्रकार समाज का आईना कहा जाता है लेकिन जब वह रौद्र रूप अपनाता है तो उसकी लेखनी की धार करती है तलवार सा प्रहार। ऐसा ही एक वाक्या जनपद मैनपुरी के थाना एलाऊ क्षेत्र के ग्राम पहाड़पुर का है जहां कुछ दबंगों (मुस्तकीम, नन्हे, नईम पुत्रगण शकील) द्वारा एक दैनिक अखबार के पत्रकार (दिलशाद खान) पर गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गई थी। धमकी से भयभीत पत्रकार ने अपनी कलम को तलवार के रुप में प्रयोग करते हुए थाना एलाऊ में तहरीर दी और अपनी खबर के माध्यम से समूचे जिला प्रशासन को अवगत कराया। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन को हरकत में आने में देर नहीं लगी और थाना पुलिस द्वारा दबंगों को धर दबोचा गया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से दबंगों के हौसले परस्त हो गये और कार्यवाही के भय से हाथ जोड़कर व पैर छूकर माफी मांगने की प्रक्रिया अपनाने लगे। दबंगों को इस तरह गिड़गिड़ाते हुए देख चौकी पर एकत्रित लोगों ने पत्रकार से कहा कि आप एक सामाजिक व्यक्ति हैं तो आप इनको इस बार माफ कर दीजिए और सजा के तौर पर इन लोगो को कान पकड़कर कर उठक- बैठक करवाया जायेगा। पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए दबंगों ने उठक बैठक करके माफी मांगी कि मैं भविष्य में ऐसी हरकत नहीं करुंगा जो कि भरे समाज के सामने उठक बैठक जैसी प्रक्रिया से गुजर कर लज्जित होना पड़े।