स्योहारा में प्रकाश के बीच निकलती जलधारा को देख पृथ्वी पर आए नारद 

नारद भ्रमण लेखक�
अश्मनी विश्नोई

नारद मुनि आकाश मै भ्रमणकर रहे थे कि उनकी नजर एक ऐसी जगह पडी जो अत्यधिक प्रकाशमान थी उसे देख नारद मुनि पृथ्वी पर आए और एक मानव से पुछने लगे कि हे मानव ये अद्भुत दृश्य कैसा है और ये क्या है जो प्रकाशमान भी है और जल धारा निकल रही है
,तब उस मानव ने उत्तर दिया कि प्रभू बस एक यही है हमारे नगर मे एक फव्वारा जिसपर हम नाज कर सकते है क्योंकि यहाँ का शासन जब जब बदलता है तो यहा का नजारा बदल जाता है ।जब जब प्रमुख की कुर्सी पर बैठा हुआ मानव बदल जाता है तब तब इस जगह का नजारा भी बदल जाता है । नारद मुनि नें कहा कि हे मानव तब तो अन्य जगह भी सुंदर सुंदर ऐसी जगह बनी होगी ,मार्ग भी अच्छे होगे , बैठने की व्यवस्था की अच्छी होगी । मानव नें कहा नही नही प्रभू बस एक मात्र यही स्थान है जहा विकास होता है । नारद मुनि नें कहा तो विकास कहा है तो मानव नें उत्तर दिया कि नगर में बार्ड नम्बर 3 में बनी तीन मंजिला तीन भव्य इमारत बनी हुई है । जिसकी हर एक ईंट बयान दे रही है कि हम यहाँ का इतिहास है । तीन बर्षो में यहां की हम उपलब्धि है ।नारद मुनि नें कहा यहाँ और क्या क्या है । तब मानव नें कहा कि प्रभु बहुत कुछ है यहाँ तो आगे बताऊगा । मानव की बात सुनकर नारद बोले कि पुर्ण समिक्षा करने आऊगा तब बताना । नारद मुनि आकाश मार्ग से चले गये । लेकिन इस बार उनसे चुक हो गयी और वह आगामी चुनाव की गन्दगी से बचने के लिए बिना धृतराष्ट्र के दरबार गये बिना लौट आये । नारद मुनि नें कहा कि अगली बार जरूर हस्तिनापुर को देखेगे कि वहाँ क्या चल रहा है ।कहते हुए अंतरध्यान हो गये ।