पंचायत चुनाव में आरक्षण, जानिए क्या होगी प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Elections 2021) को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. अब लोगों को आरक्षण सूची का इंतजार है. इस समय अधिकांश जिलों में प्रशासनिक स्तर पर आरक्षण सूची का काम चल रहा है. शासन स्तर पर ग्राम पंचायतों की सीटों के आरक्षण के लिए पिछले पांच पंचायत चुनावों में आरक्षण की सूची तैयार कराई जा रही है।

इससे पहले पंचायत चुनावों में सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया जिला स्तर पर समिति के माध्यम से कराई जाती थी, लेकिन अबकी शासन स्तर पर पंचायतों में सीट का आरक्षण निर्धारित किया जाएगा. इससे जुगाड़ के सहारे आरक्षण में हेराफेरी करवाने की मंशा रखने वाले संभावित प्रत्याशियों को झटका लगा है. हालांकि लोग अभी हार मानने को तैयार नहीं हैं और डीपीआरओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।

जिलों से ब्लॉक वार भेजी गई आरक्षण की सूची

क्षेत्र पंचायत की सीटों के आरक्षण के लिए 2015, 2010, 2005, 2000 और 1995 में पंचायत चुनाव के दौरान लागू आरक्षण की ब्लॉकवार सूची निदेशालय भेजी गई है, जिसके आधार पर 2021 में सीटों का आरक्षण तय किया जाएगा. इसी तरह ग्राम पंचायत की सीटों के आरक्षण के लिए पिछले पांच बार हो चुके पंचायत चुनावों में आरक्षण की सूची तैयार कराई जा रही है, जिसे जल्द ही निदेशालय भेजा जाएगा।

ये रहेगी प्रक्रिया

किसी एक विकास खंड में अगर 100 ग्राम पंचायतें हैं. 2015 के चुनाव में शुरू की 27 ग्राम प्रधान पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए थे, तो इस बार के पंचायत चुनाव में इन 27 के आगे वाली ग्राम पंचायतों के आबादी के (अवरोही क्रम में घटती हुई आबादी) प्रधान पद पर आरक्षण दिया जाएगा।

इसी तरह अगर किसी एक विकासखंड में 100 ग्राम पंचायतें हैं और वहां 2015 के चुनाव में शुरू की 21 ग्राम पंचायतों के प्रधान के पद एससी के लिए आरक्षित हुए थे तो अब इन 21 पदों से आगे वाली ग्राम पंचायतों के पद अवरोही क्रम में एससी के लिए आरक्षित होंगे।

पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का चक्रानुक्रम फार्मूला

  • पहले एसटी महिला, फिर एसटी महिला/पुरुष.
  • पहले एससी महिला, फिर एससी महिला/पुरुष.
  • पहले ओबीसी महिला, फिर ओबीसी महिला/पुरुष.
  • अगर तब भी महिलाओं का एक तिहाई आरक्षण पूरा न हो तो महिला.
  • इसके बाद अनारक्षित.