रेल्वे प्रशासन ने गया से चेन्नई वीकली ट्रेन चलाकर आदिवासी अंचल को पकड़ाया लॉलीपॉप

नैनपुर मंडला से संवाददाता सत्येन्द्र तिवारी की खास रिपोर्ट=
नैनपुर फिर एक बार रेल्वेविभाग के उच्चाधिकारियों ने अपने स्वार्थ ओर वह वहीं बटोरने को लेकर गया से चेन्नई ओर चेन्नई से हुआ के लिए वीकली ट्रेन चलाकर आदिवासी अंचल की भोलीभाली जनता को लॉलीपॉप पकड़ा दिया,जनता उन जवाबदार पड़ में बैठे सांसद,ओर केंद्रीय मंत्रियों से पूछ ती है कि एक आम गरीब जनता को इस ट्रेन के चलने से कोंसी सुविधा मिल पाएगी,क्या गरीब जनता को इसकी टिकिट मिल पाएगी,क्या उसे गया से चेन्नई ओर चेन्नई से गया कि यात्रा करना है,जो वो बेचारा गरीब उस ट्रेन में बैठकर 10,15,20,किलोमीटर की दूरी से बाजार करने आ पाएगा नहीं, तो फिर इन जन प्रतिनिधियों को खुश होने कि ओर श्रेय लेनी की क्या जरुरत,तारीफ़ तो तब थी जब को पहले से चल रही नैनपुर से जबलपुर ओर जबलपुर से नैनपुर के बीच कम से कम एक ट्रेन चलवा दिए होते,सिर्फ जनता के साथ छलावा के अलावा कुछ नहीं किया,इस ट्रेन के चलने से सिर्फ लंबी दूरी के मुसाफिरों को मिलेगा ओर प्रशासन को वाह वाही,जब लंबी दूरी की ट्रेन चलेगी तो क्या कोरोना का समय नहीं रहेगा ,या एक्सप्रेस ट्रेन में कॉरोना चड़ नहीं पाएगा,नैनपुर स्टेशन की अहमियत सिर्फ झंडी हिलाने तक सीमित रह जाएगी ,फिर भी तीन जिलों के सांसद खुश ,क्योंकि गरीब जनता यात्रा करे ना करे अपनी यात्रा पक्की, ओर लोग फिर भी उनकी मनसा समझने में नाकाम,जनता उन तीनों जिले के सांसदों से मांग करती है कि अगर जनता के इतने ही हितेसी हो तो कम से कम सुबह शम दो फेरे की ट्रेन ही चलवा दो तो आदिवासी अंचल की जनता भी कम पैसों पर सुखद यात्रा कर सके ओर स्कूल, कॉलेज,कोचिंग जाने वाले के लिए बच्चे कम पैसों में यात्रा कर सकें।जनता गरीब आदिवासी अंचल की जनता की एक ही मांग जोड़ ट्रेन चलाओ ओर सफ़र करो आसान ।जनता की आवाज को सांसदों,रेल प्रशासन तक हम अपने पेपर के माध्यम से पहुंचाकर उनको उनकी सुविधा ओर हक दिलवाने के लिए हर सम्भव प्रयासरत रहेंगे।