अर्नव गोस्वामी के साथ मैं भी जेल जाने को हूँ तैयार : कृष्णा पंडित

वाराणसी- लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को पिंजरे में बंद करने की कवायद महाराष्ट्र सरकार ने करके अपनी मानसिकता और पत्रकारों के विरुद्ध रची जा रही षड्यंत्र का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।आज भी स्वतंत्र पत्रकार जिनकी कलम समाज के लिए और देश के लिए निरंतर अपनी सहभागिता के साथ आवाज बुलंद करती है। उनके मन में एक सवाल उठता है- कितनों को भेजोगे जेल,हम भी हैं जेल जाने को तैयार। वाराणसी से वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा पंडित महाराष्ट्र सरकार के कुकृत्य को घोर निंदा की और चेतावनी देता हूं कहा यदि तत्काल अर्नव गोस्वामी को बाइज्जत सम्मान से रिहा नहीं किया गया तो हम पत्रकार सड़कों पर उतर कर आंदोलन के लिए बाधित होंगे।वहीं केंद्र सरकार से निवेदन है कि महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई के लिए तत्कालीन ठोस कदम उठाया जाए।जब एक पत्रकार को गिरफ्तार कर उसके साथ मारपीट बाल नोचना यह कितना बड़ा अपराध है।महाराष्ट्र में आतंकवादियों को सर आंखों पर बैठाया जाता है उनको ऊंची पिढा दी जाती है।यही नहीं कितने बड़े बड़े स्कैंडल और अपराधी वहां पल रहे हैं महाराष्ट्र सरकार वहां नपुंसक दिखती है। एक पत्रकार जो देश की आवाज और जनता की बात करता है उसको गिरफ्तार करती है।आज उत्तर प्रदेश के जमीनी पत्रकार जो कलम की जंग के साथ भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी आवाज देते रहे हैं वह महाराज सरकार की इस कृत्य के लिए आगे आने वाले दिनों में उसका जवाब जरूर देंगे।दोस्तों आप सभी से निवेदन है कि ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया का प्रयोग करने के लिए आवाज़ उठाएं।लोकतंत्र को कुचलने का काम महाराष्ट्र सरकार के द्वारा किया गया है इस दमनकारी सरकार को नेस्तनाबूद करने का काम कलमकार करेंगे।