कार्य बहिष्कार से निबटने को बिजलीघरों पर पुलिस तैनात, संविदाकर्मियों के भरोसे रहेगी बिजली की आपूर्ति

कार्य बहिष्कार से निबटने को बिजलीघरों पर पुलिस तैनात
संविदाकर्मियों के भरोसे रहेगी बिजली की आपूर्ति
नियमित कर्मी लगा सकते हैं व्यवस्था में अड़ंगा
लखनऊ/फीरोजाबाद/सिरसागंज। प्रदेश के तमाम बिजलीघरों पर पुलिस तैनात कर दी गयी है। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने पाॅवर कारपारेशन के अभियंताओं एवं कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार की घोषणा को देखते हुए यह निर्णय लिया है।�
उल्लेखनीय है कि सरकार में विद्युत निगम के निजीकरण की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। बिजली के विभिन्न निगमों में पूर्वांचल निगम का निजीकरण सबसे पहले किया जाना तय माना जा रहा है।
सरकार के इस फैसले ने विभाग के स्थायी कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। पहली अक्टूबर से संयुक्त कर्मचारी संघ के बैनर तले सांकेतिक आंदोलन शुरू किया गया था। आंदोलन को पांच अक्टूबर से कार्य बहिष्कार के रूप में तब्दील करने का ऐलान कर दिया गया है।
इस बीच उच्चस्तर पर वार्ता के प्रयास विफल होने के बाद सरकार और कारपोरेशन के आंदोलनकारियों में टकराव के हालात बन सकते हैं। प्रशासन इससे निबटने के लिए कमर कसता हुआ दिखाई दे रहा है।
बिजलीघरों का चार्ज लेखपाल आदि को दिये जाने की तैयारी कर ली गयी है। वहीं बिजलीघरों पर आईटीआई प्रशिक्षुओं को भी तैनात करने की तैयारी कर ली गयी है। इन प्रयासों से लगता है सरकार पीछे हटने के मूड में नहीं है।
अधिकतर बिजलीघरों पर संविदाकर्मी काम कर रहे हैं। कारपोरेशन के स्थायी कर्मचारियों और संविदाकर्मियों के बीच टकराव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन चैकन्ना हो गया है और पुलिस तैनात कर दी गयी है ताकि जनता को निर्बाध आपूर्ति दी जा सके।
उधर लखनऊ समेत प्रदेश भर में संयुक्त कर्मचारी संघ का प्रदर्शन जारी है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि निगम प्रबंधन मनमाने तरीके से निर्णय नहीं ले सकता है, उसे जो भी निर्णय करना है, कर्मचारियों को विश्वास में लेकर करना चाहिए।