ब्रेकिंग - देवरिया जिला चिकित्सालय के मुख पर कालिख पोतता एक छोटा सा बच्चा

- देवरिया बाबू मोहन सिंह जिला अस्पताल का सच कोरोना काल में आत्म निर्भरता दिखाता बच्चा ।

जी हा यह मासूम बच्चा जिसके नाना का पैर और हाथ फैक्चर हो गया है और प्लास्टर के बाद सर्जिकल वार्ड में बेड पर ले जाने के लिए कोई स्वास्थ कर्मी ले जाने को तैयार नहीं थक हार कर नन्हे बच्चे की मां स्ट्रेचर पर पड़े पिता को जब खिंचना शुरू किया तो मां के सहयोग में नन्हा बच्चा भी जुट गया और धक्का लगाना शुरू कर दिया। ये बच्चा, जहा प्लास्टर रूम से वार्ड में ले जाते वक्त अपने माँ के साथ स्टेचर को धका देता छोटा बच्चा साथ ही स्वास्थ विभाग जो अपनी पीठ थपथपाने का काम करता है कि अस्पताल की व्यवस्था ठीक है उसकी पोल खोलते नजर आ रहा। कि सरकार चाहे कितने जतन करें लापरवाह कर्मचारी सरकार के व्यस्था में बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं जिसका जिता जागता नमूना देवरिया के जिला अस्पताल मे दिख रहा है।

देवरिया जिला अस्?पताल में छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए मरीजों को होना पड़ता है परेशान, इसका जीता जागता सबूत यह है कि जिला अस्पताल में छह साल का एक मासूम बच्चा स्?ट्रेचर को धक्?का दे रहा है, वहीं जिला अस्पताल का स्टाफ व लोग मुक दर्शक बने हुए कोई सहायता के लिए आगे नहीं आ रहा है।

आपको बता दें कि देवरिया के बरहज क्षेत्र के गौरा गांव निवासी छेदी यादव पिछले दिनों मारपीट की एक घटना में घायल हो गए थे। उन्?हें देवरिया जिला अस्?पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया। छेदी यादव की बेटी बिन्?दू ने बताया कि तीन-चार दिन से वह अपने पिता के साथ जिला अस्?पताल में हैं। यहां उन्?हें ड्रेसिंग के लिए बीच-बीच में ड्रेसिंग रूम में ले जाना होता है। बिंदू देवी ने बताया कि इस अस्?पताल कर्मियों ने कहा कि छेदी यादव को ड्रेसिंग के लिए ड्रेसिंग रूम ले जाना होगा। तब बिंदू देवी अपने छह साल के बच्?चे शिवम यादव की मदद से पिता को ड्रेसिंग रूम तक ले गईं।

इस संबंध में पूछे जाने पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हुआ।