कई वर्षों से पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वानों के साथ किया जा रहा सौतेला व्यवहार।

भोपाल मध्यप्रदेश

जारी विज्ञप्ति में पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वान (व्याख्याता) संघ के प्रदेश सचिव दिनेश कुमार सेन ने बताया कि तकनीकि शिक्षा विभाग के साथ आज से ही वल्कि पिछले कई वर्षों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य विभागों के अतिथियों को फिक्स मानदेय दिया जा रहा है। समय समय पर अन्य विभाग उनके अधीन कार्यरत कमर्चारियों एवं अतिथियों के संशोधन कर समीक्षा की गई और आदेश जारी किए गए है लेकिन तकनीकि शिक्षा विभाग के साथ ये सौतेला व्यवहार अफसरशाही की उदासीनता के चलते आज से नहीं कई वर्षों से किया जा रहा है।

इस सौतेले व्यवहार को खत्म करने की गुहार पूर्व भाजपा सरकार से लेकर कांग्रेस शासन काल तक की गई अब पुनः भाजपा सरकार के आने पर भी यह सौतेला व्यवहार खत्म होता नज़र नहीं आ रहा है और नहीं किसी भी प्रकार की संवेनशीलता दिखाई दे रही है। अव सरकार से ही न्याय की उम्मीद है।

पूर्व कांग्रेस सरकार में श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया द्वारा भी हमारे हक के लिए लडने की बात कही गई थी और विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान से लेकर वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की गई और हमारी समस्या के निराकरण का पूर्ण आश्वासन दिया गया था।सूवे के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री जी एवं वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों से लेकर तकनीकि शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, भारत सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से भी पत्र एवं ईमेल के माध्यम से गुहार लगा चुके है। नहीं खत्म हुआ तो सौतेला व्यवहार अभी हाल में ही उच्च शिक्षा विभाग, आईटीआई के अतिथि विद्वानों एवं अन्य को भी लॉक डाउन मानदेय का भुगतान किया गया है किन्तु तकनीकि शिक्षा विभाग के पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग के अतिथि विद्वानों को प्रशासन के असंवेदशील व्यवहार के कारण दरकिनार किया गया। फिर भी तकनीकि अतिथि विद्वान सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे है।