इनसो का ऐलान, कक्षाएं नहीं तो परीक्षाएं नहीं • विशाल मुक़ीमपुरा

यूनिवर्सिटी परीक्षाओं को लेकर छात्र संगठनों ने जताया विरोध

जननायक जनता पार्टी की छात्र इकाई इनसो के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विशाल मुकीमपुरा ने कहा कि यूनिवर्सिटी कहती हैं कि छात्रों का सिलेबस पूरा हो गया था तो फिर ऑनलाइन क्लासेज क्यों लगाई गई थी तो फिर वह अखबारों और न्यूज चैनलों में सुर्खियां बटोरने के लिए की गई थी मैं कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में m.a. पब्लिक एड डिपार्टमेंट का विद्यार्थी हूं आप किसी भी विद्यार्थी से यह पूछ लीजिए कि सिलेबस पूरा नहीं हुआ था क्योंकि दिसंबर और जनवरी में तो एग्जाम होते हैं पहले तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के एग्जाम होते हैं और फरवरी में रेगुलर क्लासेस शुरू होती हैं और फरवरी और मार्च तो वो टाइम होता है जिसमें सिलेबस को सबसे ज्यादा पूरा किया जाता है अगर मैं बात करूं यहां क्लासिस की एडमिटरेशन और यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने खुद माना है कि बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस लगी है तो ऑनलाइन क्लासेस लगी तो सिलेबस पूरा नहीं हुआ था मैं दूसरी बात यहां पर करूं तो एक आदेश पर पूरे देश के शिक्षण संस्थान बंद हुए थे कॉलेज यूनिवर्सिटीया बंद हुई थी यूनिवर्सिटीयों के हॉस्टल बंद हुए थे लाइब्रेरीस बंद हुई थी जो विद्यार्थियों की किताबें (नोट्स) थे वे उनके कमरों में हॉस्टलों में थी तो मैं भारतवर्ष के एक-एक विद्यार्थी से मानकर चलता हूं कि सिलेबस न तो पूरा हुआ था और ना ही ऑनलाइन क्लासेस कि अगर बात करें तो इनके भी कोई अच्छे परिणाम नहीं आए क्योंकि भारत जो गांव में बसता है गांव में मैं तो बिजली की सुविधा है स्मार्टफोन,एंड्राइड फोन, आईफोन नहीं है मैं यह मान कर चलता हूं की 10 %[परसेंट] विद्यार्थियों के पास मैं तो लैपटॉप और स्मार्टफोन की सुविधा भी नहीं होगी ऐसे हालात में उन बच्चों तक हम शिक्षा कैसे पहुंचा सकते हैं शिक्षा नही, कक्षा नही,तो परीक्षा केसे
दुर्भाग्य है सबसे ज़्यादा विद्यार्थियों का ? विद्यार्थियों को प्रभावित करने कोई भी निर्णय हो आज से नहीं देश की आज़ादी से अब तक विद्यार्थियों से संबंधित अगर कोई निर्णय लिया गया है तो विद्यार्थियों के प्रतिनिधियों को शामिल ही नहीं किया जाता है कमेटियां बनायी जाती है ॰ केवल प्रोफेसरों की वाइस चांसलरो की रिटायर्ड प्रोफेसरों की अब भी ऐसी कमेटियां बनी न तो छात्रों के प्रतिनिधियों और न छात्र नेताओं को शामिल किया गया न छात्रों से सुझाव माँगे गए एक भी विद्यार्थी आपको उस कमेटी में नज़र नहीं आया होगा जिन निर्णयों से सबसे ज़्यादा विद्यार्थी प्रभावित हो उसमें विद्यार्थियों का पक्ष तो कम से कम जाना जाना चाहिए मैं सरकार से भी इस बारे में माँग करता हूँ की इस सेमेस्टर को क्यों ना एक (वर्ष) मान लिया जाए जैसे पहले सेमेस्टर सिस्टम नहीं था साल में एक बार ही परीक्षा होती थी एक वर्ष मानकर विद्यार्थियों को प्रमोट किया जा सकता है इससे अन्य भी कई ऐसे तरीक़े हैं पहले भी कई बार ऐसा हुआ है ये कोई पहली बार नहीं है पहले भी ऐसा हुआ है हमें समय की जगत को देखना चाहिए आज ये दोर चल रहा है हर रोज़ करोना के केसिस बढ़ते जा रहे हैं आज एक-दूसरे से सोशल डिस्टेंस रखने की ज़रूरत है ऐसे हालात में परीक्षा कराना ठीक नहीं है अगर मैं बात करूँ कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की जहाँ का मैं छात्र भी हूँ कुरुक्षेत्र में लगातार केसिस बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में अगर परीक्षाएं होगी तो विद्यार्थियों को एक तरफ़ कुए में डालने के बराबर है हम तो यह माँग करते हैं इतनी जल्दबाज़ी शायद ठीक नहीं है एक कमेटी बननी चाहिए जिसमें छात्र प्रतिनिधि शामिल हों छात्रों का पूरा पक्ष जाना जाना चाहिए उसी के आधार पर भविश्य के निर्णय लिए जाने चाहिए हमारे छात्र संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इस बात पर मुहर लगायी है कि विद्यार्थी जो चाहते हैं हम विद्यार्थियों के साथ हैं कोरोना के जो मौजूदा हालात हैं इनमें परीक्षा होना संभव नहीं है अभी इंतज़ार करना चाहिए डेट शीट जारी करके एक तरह से तुग़ली-फ़रमान जारी करना ठीक नहीं है लाखों करोड़ों विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालना ठीक नहीं है ये हमारा सौभाग्य है दुष्यंत चौटाला जैसे युवा नेता उप मुख्यमंत्री बन हरियाणा सरकार में बैठे हैं जो विद्यार्थियों की भावनाओं को अच्छी तरह से जानते हैं इस संबंध में इनसो का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही हरियाणा प्रदेश के विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान को लेकर दुष्यंत चौटाला जी से मुलाक़ात करने जा रहा है दिग्विजय सिंह चौटाला जी के नेतृत्व में अगर ज़रूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी मुलाक़ात करेंगे किसी भी तरीक़े से विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा विद्यार्थियों की जान के साथ जो खिलवाड़ अधिकारी व वाइस चांसलर करने का प्रयास रहे हैं ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हर हाल में विद्यार्थियों को उनकी भावनाओं के अनुसार परीक्षाएं किसी भी तरीक़े से संभव नहीं है जब सिलेबस पूरा नहीं हुआ है यूनिवर्सिटियों जो है रिकोर्ड दें कितने विद्यार्थियों ने ऑनलाइन क्लास लगायी है कितने टीचरों ने ऑनलाईन क्लासीस ली क्या टीचर को ऑनलाइन क्लासीस लेने ऑनलाइन पढ़ाने का तजुर्बा था क्या कोई इस तरह का कोई कोर्स पहले कभी हुआ है एक भी टीचर हमें तो लगता नहीं कि KUK में ऐसा कोई टीचर होगा जिसको ऐसा तो ज़रूर हो विद्यार्थियों के पास स्मार्टफ़ोन नहीं है क्या आपने उनको स्मार्टफ़ोन उपलब्ध कराए क्या इस बारे में अवगत कराया था क्या कोई क्लासिस का यूट्यूब चैनल या इस यूनिवर्सिटी का है क्या किसी डिपार्टमेंट का है क्या सिर्फ़ PDF फ़ाइल बेचने से सिलेबस पूरा हो सकता है पढ़ाई हो सकती है अगर PDF फ़ाइल भेजने से पढ़ाई हो सकती तो फिर शिक्षण संस्थान, यूनिवर्सिटी,कॉलेज क्यों खोले जाते हैं हमारी पहली प्राथमिकता है हमारा संगठन विद्यार्थियों के लिए बनाया गया विद्यार्थियों के द्वारा बनाया छात्र संगठन है और मौजूदा हालात में हमारा संगठन छात्रों के साथ है l