पहले अपने गिरेबान में झांके फिर आरोप लगाये-कमलेश

कुरुद। महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू को कोरोना कॉल में निष्क्रिय होने व क्षेत्र की जनता की कोई मदद नही करने के आरोपो को खंडन करते हुए सांसद प्रतिनिधि कमलेश शर्मा ने ऐसा कहने वाले कि निंदा की है। निंदा करते हुए उन्होंने कहा है कि जिसके नेता के पास ही कोई विचार नही हैं उस विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष और क्या बाते कर सकते है। ऐसे लोगो को पहले जमीनी हकीकत पता कर लेनी चाहिये तब कही जाकर जनता द्वारा चुने गए किसी जनप्रतिनिधियों के ऊपर टिप्पणी करना चाहिए। क्षेत्र के सांसद श्री साहू पर निष्क्रियता का आरोप लगाने वाले को मैं बता दूं कि वे प्रधानमंत्री एवं केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप अपने स्तर पर हर संभव मदद कर रहे है। बात चाहे प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस लाने की हो या बाहर फंसे छात्र-छात्राओं की हो। चाहे वे राज्य के किसी भी विधानसभा से क्यो न ताल्लुक रखते हों उनके मदद के लिए वे अब तक प्रयासरत है। वे धमतरी जिले के अलग अलग क्षेत्रो से बाहर राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने वहां के कलेक्टरों से न केवल बाते किये है बल्कि उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी करवाये है। इसके साथ साथ किसानों को हुये ओलावृष्टि से क्षति की पूर्ति के लिए धमतरी जिले के प्रभारी मंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने पर जोर दिया है। वे लॉक-डाउन के कारण लोगो से मिल नही पा रहे पर पूरी संवेदना क्षेत्र के लोगो के प्रति बनाकर काम कर रहे है। श्री शर्मा ने बताया कि सांसद ने अपने निधि का उपयोग कोरोना संकट से उबरने के लिए उपयोग किये जाने की अनुशंसा की है। उन्होंने आगे कहा है कि क्षेत्र के सांसद, विधायक एवं भाजपा के एक एक कार्यकर्ता सक्रिय है तभी हमारे लोगो ने कोरोना संकट काल मे कुरुद विधानसभा के गरीब तबके लोगो की मदद के लिए 2000 पैकेट महीने भर का राशन सामग्री वितरित किये है। अंत मे उन्होंने कहा कि जो लोग प्रशासन द्वारा जुटाई गई सामग्री वितरित कर वाहवाही बटोर रहे है वे कुरुद की भोली-भाली जनता को दिग्भ्रमित कर केवल अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दे रहे है और इस वैश्विक आपदा के दौरान अपने संगठन के नियुक्ति पत्र बांटने वाले प्रदेश पदाधिकारी पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि वह इस काल में जनता की भलाई के लिए क्या किया है तब वे दूसरों पर सवाल खड़ा करें ऐसे कृत्य करने वालों की मैं निंदा करता हूं।