महाकाली सेवा दल की शोभा यात्रा का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा

रिहान अन्सारी / नजीबाबाद: नजीबाबाद में महाकाली सेवा दल की शोभा यात्रा निकाले जाने को लेकर विवाद सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा। महाकाली सेवादल के सदस्यों के बींच रस्साकशी से नगर के लोगों में भी संशय की भावना उत्पन्न होने लगी है। उन्हे डर है कि कहीं चालीस साल से निकलने वाली एतिहासिक यात्रा पर रोक न लग जाए चालीस साल से नगर में निकाली जाने वाली महाकाली शोभायात्रा प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। लेकिन सेवादल के कुछ सदस्यों में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। पांच अक्टूबर को शोभा यात्रा निकालने को लेकर दोनों पक्ष एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। समिति के संरक्षक आकाश कर्णवाल (कान्हा) ने स्थानीय प्रशासन से पुरानी कमेटी के संरक्षण में शोभा यात्रा निकाले जाने की मांग की है। सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए संस्थापक अध्यक्ष नवल ग्रोवर एवं संरक्षक आकाश कर्णवाल ने कहा कि स्वर्गीय सुरेश कर्णवाल द्वारा वर्ष 1980 में श्री महाकाली सेवा दल की स्थापना की गई थी। संस्थापक अध्यक नवल ग्रोवर के स्वास्थ्य खराब होने के कारण बींच में शोभायात्रा के संचालन की जिम्मेदारी दूसरे लोगों को दे दी गई थी। लेकिन इस वर्ष दूसरी कमेटी के लोगों ने संस्थापक एवं अन्य पदाधिकारियों को दरकिनार करने का प्रयास किया है। इस संबंध में जिला  एवं स्थानीय प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग की गई। उन्होंने  बताया कि इस वर्ष कुछ लोगों ने प्रशासन को गुमराह कर शोभा यात्रा की अनुमति अपने नाम करा ली, जिससे  शोभा यात्रा से जुड़े लोग आहत हैं, उन्होंने स्थानीय प्रशासन से शोभा यात्रा के लिए दशकों से काम कर रहे पदाधिकारियों की देखरेख में ही शोभायात्रा निकलवाए जाने की मांग की इस अवसर पर पवन ऐरन, विरेंद्र राजपूत, रवि अग्रवाल, कुलदीप माहेश्वरी, ऐश्वर्य,डॉ राजीव अरोड़ा, डॉ एस के जौहर आदि मौजूद रहे।