5 दिन पहले दोनों की कब्र अपने घर में खोदी, फिर व्यापारी भाइयो को मारकर गड़ा दिया,चार गिरफ्तार

अम्बिकापुर - अंबिकापुर से 48 घंटे पहले लापता व्यापारी भाइयों के शव पड़ोसी के घर से पुलिस ने बरामद कर लिए। मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।पुलिस का दावा है कि सूदखोरी और प्रॉपर्टी के कारण दोनों भाइयों की जान गई। एसपी ने बताया कि पुलिस ने गुमशुदा युवकों की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है।दोनों की हत्या पैसों के लेनदेन के कारण उनके पड़ोसी ने की थी।शवों को अपने ही घर के अंदर गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।पुलिस ने शव और हथियार बरामद कर लिया है।पुलिस ने मामले में हत्या के दो मुख्य आरोपियों के साथ हथियार उपलब्ध कराने के दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।

और फिलहाल मामले की जांच चल रही है।हत्यारों ने 5 दिन पहले दोनों की कब्र अपने घर में खोदी थी। मौका मिलते ही एक को गोली दूसरे को गुप्ती से गोदकर मार डाला। पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया है। शहर के ब्रह्मरोड निवासी सुनील अग्रवाल आत्मज राजकुमार अग्रवाल और उसका चचेरा भाई सौरभ अग्रवाल आत्मज बलराज अग्रवाल शुक्रवार की शाम अपने घर से घूमने के नाम पर निकले थे और उसके बाद से भी रहस्यमय ढंग से लापता थे।

युवको के गायब होने की जानकारी 11 अप्रैल को परिजनों द्वारा कोतवाली पुलिस को दी गई। उसके बाद दोनों युवकों के मोबाइल लोकेशन और उनके वाहन के आधार पर खोजबीन की जा रही थी। पुलिस ने शनिवार देर रात शहर के आकाशवाणी चौक पर पुराने रोजगार कार्यालय के पास से मृतकों की कार बरामद की।उसमें पुलिस को मृतक के पर्स और मोबाइल मिले थे।

जिसके बाद किसी अनहोनी की शंका के आधार पर पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही थी।शुक्रवार को कंट्रोल रूम में एसपी आशुतोष सिंह ने बताया कि पुलिस ने कार बरामद करने के साथ ही संदेह के आधार पर मृतक के पड़ोसी आकाश गुप्ता आत्मज स्वर्गीय काशी चन्द गुप्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कुबूल लिया।आरोपी के मुताबिक सौरभ से उसने बीस लाख रुपए कर्ज 2016 में लिए थे।उसके ब्याज की रकम 4 सालों में बढ़कर एक करोड़ के पार पहुंच गई थी।उसमें से उसने इंकयावन लाख रुपए दे चुके थे।

ब्याज की रकम चुकाने के लिए उसने अपने घर के आगे पीछे की जमीन भी बेच दी थी। इसी बीच सौरभ ने कूट रचना कर जिस घर में आकाश रहता था उसे भी अपने नाम करा लिया।घर खाली करने का दबाव बना रहा था। मकान खाली कराने का दबाव बनाने पर आकाश ने सौरव से पहले किए गए लेन-देन का हिसाब करने की बात 6 महीने से कह रहा था लेकिन उसने बात नहीं मानी और दबाव बनाता रहा।एसपी ने बताया की लेन-देन का हिसाब करने को लेकर चल रही खींचतान के बीच लाक डाउन शुरू हो गया।

क्योंकि सौरभ और आरोपी पड़ोसी हैं इसलिए दोनों लाकडाउन के दौरान आकाश के घर में बैठकर कैरम खेलते थे। मृतक सौरभ के साथ उनका चचेरा भाई सुनील भी आता था।इसी बीच आकाश के पास लटोरी निवासी सिद्धार्थ यादव उर्फ श्रवण काम मांगने के लिए पहुंचा तो उसे पैसों का लालच देकर उसने अपने प्लान में शामिल कर लिया।दोनों ने सौरभ को किडनैप करने की योजना बनाई।लेकिन परिस्थिति बदलने पर उन्होंने हत्या की साजिश रची।

उसके बाद 5 अप्रैल से ही घर के अंदर कमरे में गड्ढा खोदना शुरू किया और 5 दिनों में 5 फीट गड्ढा खोदने के बाद सौरभ की हत्या की प्लानिंग की।इस दौरान उन्होंने गंगापुर निवासी रमेश अग्रवाल से संपर्क कर बरगीडीह निवासी शिव पटेल से 90 हजार में पिस्टल और बुलेट खरीदा। 10 अप्रैल को सौरभ और सुनील कैरम खेलने आए मौके का फायदा उठाकर पहले आकाश ने पीछे से सुनील के सिर पर गोली मारी जिससे उसकी मौत हो गई। जब सौरभ ने भागने की कोशिश की तो सिद्धार्थ यादव ने उस पर पीछे से गुप्ती से वार किया जिससे वह गिर गया तो उसको भी गोली मार दी।

फिर दोनों की लाश को उनके लिए घर में खोदी गई कब्र में हथियार में साथ दफना दिया। पुलिस को उलझाने के लिए वारदात के बाद मृतकों के कार को आकाशवाणी चौक के पास पार्क कर दिया। पुलिस ने हत्या के मामले में आरोपी आकाश गुप्ता, सिद्धार्थ यादव, रमेश अग्रवाल और शिव पटेल को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.