वैश्विक मनावत के दुश्मन चीन में : नए हंतावायरस का प्रकोप

?विश्व अभी कोरोना वायरस से निजात पाया ही नहीं था कि वैश्विक मानवता के लिए संकट बना चीन एक नये वायरस पैदा कर दिया है। जी हां यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है इस नए वायरस का नाम हंतावायरस है। हंतावायरस पर जानकारों का मानना है कि यह वायरस छोटे चूहों से होता है, परंतु चूहों में कोई रोग नहीं होता। यह संक्रमित चूहों से मानव में फैलता है जब मानव इन संक्रमित चूहों के यूरिन , लार के संपर्क में आते हैं तो हंतावायरस से संक्रमित हो जाते हैं, फिर संक्रमित मानव से दूसरे मानव में ।
?ज्ञात हो कि यह वायरस सर्वप्रथम 1976 में साउथ कोरिया के हंतान नदी के किनारे फैला हुआ पाया गया जिसे इसका नाम हंतावायरस पड़ा बाद में इसे सेनीटाइज कर लिया गया. यह बीमारी एक बार पुनः सक्रिय होने की स्थिति में है वह भी उसी स्थिति में जब पूरे विश्व कोरोनावायरस जैसी महामारी के आगोश में हो चुकी हो । वहीं एक फिर मानवता के लिए खतरा बनता जा रहा चीन , में हंतावायरस से लोगों में संक्रमण फैलता जा रहा है जिससे 1 लोगों की मृत्यु हो चुकी है ।
?जिस प्रकार पिछले 2 से 3 महीने में कोरोनावायरस से जो हाल पूरे विश्व में हुआ है वैसी स्थिति प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी ऐसी भयानक स्थिति नहीं थी। विकसित देश हो , अविकसित देश हो , अल्पविकसित देश हो, हो सभी देशों में लोग अपने-अपने घरों में इसलिए छुपे हैं कि उनका संपर्क मिलीमाइक्रों साइज के किसी वायरस से ना हो जाय जिससे उनका असामयिक मृत्यु हो।
? यह बहुत आश्चर्य की बात नहीं है कि चीन विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश तानाशाही रवैया , साम्राज्यवादी व्यवस्था , स्वतंत्रता और समानता का नाशक, विश्व मानव के लिए संकट पैदा करने वाला चीन, का यह वायरस कूटनीति चाल हो ।
?जिस प्रकार कोरोनावायरस के प्रकोप से पूरे विश्व के वैज्ञानिक , डॉक्टर सब फेल हो चुके हो 400000 से अधिक लोग इससे प्रभावित हो, 17000 लोगों की मृत्यु हो चुकी हो , पूरे दुनिया से संपर्क टूट चुका हो, एक एक मानव अपने घरों में कैद हो , अपने अपनों से दूर हो, तो क्या यह मुमकिन नहीं है कि मानवता के दुश्मन चीन जैसे देश को विश्व पटल पर अलग अलग किया जाए किया जाए और उससे कोई रिश्ता न रखा जाए।।