बड़ी कार्रवाई: प्रधान पाठक सस्पेंड, शिक्षक का दो इंक्रीमेंट रूका, लापरवाही मामले में बड़ा एक्शन, पहले जारी हुआ था नोटिस

जांजगीर-चांपा जिले के चौराभांठा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में गंभीर लापरवाही पाए जाने पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर के निर्देश पर प्रधान पाठक को निलंबित किया गया है, स्व-सहायता समूह को बदला गया है और मध्यान्ह भोजन प्रभारी पर वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की गई है।

मिडडे मिल में लापरवाही मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रधान पाठक को जहां सस्पेंडकर दिया गया है, वहीं भोजन प्रभारी का दो इंक्रीमेंट रोकने का आदेश दिया है। पूरा मामला जांजगीर जिले का है, जहां चौराभांठा शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना के संचालन में सामने आई गंभीर अनियमितताओं को प्रशासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे के निर्देशन में इस मामले की समीक्षा के बाद कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही को अस्वीकार्य बताते हुए प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि ऐसी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रकरण की जांच और समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि विद्यालय में मध्यान्ह भोजन संचालन के दौरान शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों और दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा था। भोजन की गुणवत्ता, व्यवस्था और पर्यवेक्षण स्तर पर गंभीर कमियां पाई गईं। इसके मद्देनज़र शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौराभांठा की प्रधान पाठक श्रीमती किरण लता शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

इसके साथ ही मध्यान्ह भोजन संचालन से जुड़ी स्व-सहायता समूह की भूमिका की भी समीक्षा की गई। जांच में लापरवाही पाए जाने पर विद्यालय में कार्यरत राहुल महिला स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन योजना के कार्य से पृथक कर दिया गया है। प्रशासन ने उसके स्थान पर एक अन्य पात्र महिला स्व-सहायता समूह को यह जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि बच्चों को समय पर गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराया जा सके।

प्रकरण में केवल विद्यालय स्तर ही नहीं, बल्कि पर्यवेक्षण स्तर पर भी जवाबदेही तय की गई है। मध्यान्ह भोजन प्रभारी जगेश्वर सिंह, शिक्षक (एल.बी.), शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चौराभांठा द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही पाए जाने पर संयुक्त संचालक शिक्षा द्वारा उनके विरुद्ध असंचयी प्रभाव से दो वेतनवृद्धि रोकने के आदेश जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि योजना के क्रियान्वयन में संलग्न प्रत्येक स्तर के अधिकारी और कर्मचारी जवाबदेह हैं।