गाँव की पाठशाला से उठी उम्मीदों की किरण: तालदेवरी में निरीक्षण ने बच्चों को दिया अनुशासन और नशामुक्ति का संकल्प”

जांजगीर-चांपा:जिले के बम्हनीडीह विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत तालदेवरी का विद्यालय गुरुवार सुबह विशेष रूप से गुलजार रहा। कारण था?18 सितम्बर 2025 को जनप्रतिनिधियों द्वारा विद्यालय का निरीक्षण।

यह महज एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि बच्चों से संवाद, शिक्षकों से चर्चा और शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करने का गंभीर प्रयास था। निरीक्षण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा?विद्यार्थियों को अनुशासन का महत्व और नशामुक्त जीवन जीने का संदेश देना।

🎒 कक्षा से मैदान तक: बच्चों से आत्मीय जुड़ाव

निरीक्षण दल जैसे ही विद्यालय पहुँचा, बच्चों ने तालियों की गड़गड़ाहट और फूलों के साथ उनका स्वागत किया।

कक्षाओं में पहुँचकर जनप्रतिनिधियों ने बच्चों से हिंदी, गणित और विज्ञान से जुड़े सवाल पूछे।

विद्यार्थियों ने आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिए और अपने सपने साझा किए किसी ने डॉक्टर, किसी ने पुलिस अधिकारी और किसी ने अध्यापक बनने की इच्छा जताई।

जनप्रतिनिधियों ने बच्चों की बातें सुनकर कहा

अगर आप लगन और अनुशासन के साथ पढ़ाई करेंगे, तो न सिर्फ आपके सपने पूरे होंगे बल्कि माता-पिता और गाँव का नाम भी रोशन होगा।

👩🏫 शिक्षक जनप्रतिनिधि संवाद

निरीक्षण का अगला चरण शिक्षकों के साथ चर्चा का रहा।

शिक्षकों ने बताया कि अधिकतर विद्यार्थी नियमित रूप से स्कूल आते हैं और पढ़ाई में रुचि लेते हैं।

जिन छात्रों को अतिरिक्त मदद की आवश्यकता है, उनके लिए विशेष कक्षाएँ भी चलाई जा रही हैं।

जनप्रतिनिधियों ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा

हर बच्चा समाज की धरोहर है। शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें नैतिक मूल्य और जीवन कौशल भी शामिल होना चाहिए।

🌟 अनुशासन और नशामुक्ति का संकल्प

निरीक्षण दल ने विद्यार्थियों को समझाया कि अनुशासन सफलता की पहली सीढ़ी है।

समय पर पढ़ाई करना

शिक्षकों का सम्मान करना

माता-पिता की आज्ञा मानना

ये तीन आदतें जीवन की दिशा तय करती हैं।

साथ ही बच्चों को नशा और मादक पदार्थों से दूर रहने की कड़ी चेतावनी दी गई। जनप्रतिनिधियों ने कहा

तंबाकू, शराब और गुटखा जैसी चीजें शरीर और जीवन दोनों को बर्बाद कर देती हैं। आप सब वचन दीजिए कि कभी नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी इससे बचाएँगे।

बच्चों ने हाथ उठाकर इस संकल्प को दोहराया।

👨👩👧 समाज और अभिभावकों की जिम्मेदारी

निरीक्षण दल ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों की शिक्षा केवल विद्यालय या शिक्षकों की जिम्मेदारी नहीं है।

घर में बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना,

नकारात्मक माहौल से दूर रखना,

विद्यालय की गतिविधियों में सहयोग करना

इन कदमों से ही शिक्षा का स्तर और बेहतर हो सकता है।

📚 शिक्षा और गाँव का भविष्य

कार्यक्रम के दौरान यह विचार कई बार दोहराया गया कि शिक्षा ही गाँव की तस्वीर बदल सकती है।

आज के बच्चे कल का भारत हैं। अगर वे पढ़-लिखकर सशक्त होंगे तो गाँव, जिला और राज्य अपने आप प्रगति करेंगे।

तालदेवरी जैसे गाँवों में जब बच्चे अनुशासन और नशामुक्ति का संकल्प लेते हैं, तो यह केवल व्यक्तिगत परिवर्तन नहीं बल्कि समाज में नई सोच की शुरुआत होती है।

🎤 बच्चों की प्रतिक्रिया

निरीक्षण के बाद विद्यार्थियों ने अपने विचार साझा किए।

एक छात्रा बोली मैं डॉक्टर बनकर गाँव के गरीबों का इलाज करना चाहती हूँ।

एक अन्य छात्र ने कहा हम नशा से दूर रहेंगे और पढ़ाई में पूरी मेहनत करेंगे।

उनके आत्मविश्वास भरे शब्द यह संकेत दे रहे थे कि इस कार्यक्रम ने बच्चों के मन पर गहरी छाप छोड़ी है।

✍️ विश्लेषण: क्यों जरूरी हैं ऐसे निरीक्षण

तालदेवरी जैसे ग्रामीण इलाकों में ऐसे निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं हैं। ये बच्चों को प्रेरित करते हैं, शिक्षकों की जिम्मेदारी को मजबूत करते हैं और समाज में शिक्षा की अहमियत को रेखांकित करते हैं।

आज जब मोबाइल की लत और नशे जैसी चुनौतियाँ युवाओं को भटका रही हैं, ऐसे आयोजन बच्चों को सही दिशा देने का काम करते हैं।

🏁 निष्कर्ष: नई सुबह की शुरुआत

  • ग्राम पंचायत तालदेवरी का यह विद्यालय निरीक्षण विद्यार्थियों के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा लेकर आया।
  • बच्चों ने पढ़ाई में और मेहनत करने का संकल्प लिया।
  • नशामुक्त जीवन जीने की कसम खाई।
  • अनुशासन को सफलता का पहला कदम माना।

यह कार्यक्रम केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि भविष्य की नई सुबह की शुरुआत है। यदि ऐसी पहलें लगातार होती रहीं, तो तालदेवरी गाँव शिक्षा और जागरूकता का आदर्श उदाहरण बनकर उभरेगा।

CitiUpdate के लिए समीर खूंटे की विशेष रिपोर्ट