Kanpur-साढ़ क्षेत्र मे पशुवों की तरह भर के ले जाए जाते है स्कूल बच्चे.....

साढ़- मानक से विपरीत डग्गा मार वाहन चलवा रहे है विद्यालय संचालक.....

:-भेंड़़ बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर प्रार्थना से दो घंटे पहले पहुंच जाते है विद्यालय......
:-एक-एक गाड़ी को हाई स्पीट मे तीन-तीन चक्कर लगाने पड़ते हैं प्रत्येक गांवों से.....

भीतरगांव:- एक ओर सरकार वाहन चेकिंग अभियान लगातार चलवा रही वही दूसरी ओर प्राइवेट विद्यालय संचालक छात्र-छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं जिसकी वजह से बड़ी घटना होने की संभावना दिखाई देती है और अक्सर घटनाये हो भी जाती है परंतु सांठ गांठ होने की वजह से इन विद्यालय संचालको के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हो पाती है और पीड़ित परिजन फड़-फड़ा कर रहे जाते है विद्यायल संचालक कमर्सिअल गाड़ियों की जगह सभी प्राइवेट यानी की डग्गामार सफेद प्लेट वाली गाड़ियों चलवा रख्खीं हैं इनके स्तेमाल से खर्चा न के बराबरआता है जब कि परिजनों से फीस पूरी रजिस्टर्ड गाड़ियों की वसूल की जाती है ।ही वजह है कि स्कूल की पढाई कैसी भी हो परंतु विद्यालयों की यह सारी ब्यवस्था बहुत ही जबर जस्त रख्खी जाती है जिसमे हर महीने टेष्ट लेना जिसका चार्ज लगभग सौ रुपए से कम नही होगी सबसे निचली क्लास मे व हर छै महीने मे वर्दी, बैग, जूते सहित किताबें भी बदला दी जाती हैं विद्यालय मे चल रही गाडि़यों मे शायद ही दस प्रतिसत युवकों के पास डी एल होगा अथवा यहमान कर चलों कि विद्यालय वाहन राम भरोसे हिंदू होटल चल रहे है अभी कुछ दिन पूर्व एक स्कूल बस मे एक भी कागज नही थे।
सुरक्षा मानक की द्रष्टि से हर स्कूल वाहन का रंग पीला होना चाहिए और वाहन के चारों ओर बीच में 150 मिमी चौड़ाई की हरे रंग की क्षैतिज पट्टी होनी चाहिए, जिसमें स्पष्ट रूप से 'स्कूल कैब' लिखा हो व गति सीमा: वाहन की अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए और स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए प्रत्येक वाहन में अग्नि शमन यंत्र, फर्स्ट-एड किट और सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए, बसों में ग्रिल जैसी सुरक्षा सुविधाएँ होनी चाहिए बच्चों को बस में चढ़ते और उतरते समय सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए और उतरने के बाद सड़क पार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिसके लिए एस अंय युवक होना चाहिए चालक के पास कम से कम पांच साल का अनुभव और वैध हैवी लाइसेंस होना चाहिए चालक और परिचारकों का पुलिस सत्यापन और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य है प्रत्येक स्कूल बस में एक अनुभवी लेडी अटेंडेंट/कंडक्टर होना चाहिए।।
परंतु साढ़ क्षेत्र के गिने चुने शायद एक आध विद्यालय मे इस तरह की सुविधा हो साढ़ भीतरगांव रोड पर लगभग दो बजे दोपहर एक किलो मीटर तक लम्बी लाईन लगती है परंतु लगभग विद्यालय के लगभग आधा दर्जन डग्गा मार वाहन व बच्चो की साईकिलों व पैदल बच्चों से लगभग आधा घंटा से अधिक जाम लग जाता है जो धीरे धीरे घंटों मे खुल पाता है जब कि वहां से पुलिस चौकी मात्र सौ मीटर की दूरी पर है इस सम्बंध मे साढ़ चौकी कार्यवाहक प्रभारी से पूछां गया तो वह रिपोर्टर से उल्टा पूंछ रहे थे कि आप कहा रहते हैं तो रिपोर्टर ने जवाव दिया कि हम अंतरिक्ष मे रहते है।।