हाईटेक रामलीला में शिव धनुष भंग, लक्ष्मण-परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का भव्य मंचन

श्रीगंगानगर केरिद्धि सिद्धि कॉलोनी के प्लैटिनम पार्क में श्री रामलीला सेवा समिति द्वारा आयोजित रामलीला के चौथे दिन की शुरुआत पुष्प वाटिका में राम सीता का प्रथम दृष्टि मिलाप से हुई।शिव धनुष भंगन, लक्ष्मण-परशुराम संवाद, सीता स्वयंवर, राम बारात, दशरथ महल में बहुओं के प्रवेश और राजतिलक के निर्णय जैसे प्रसंगों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।अध्यक्ष कृष्ण गुनेजा ने बताया कि रामलीला चरमोत्कर्ष पर है और दर्शकों की भीड़ से पार्क छोटा पड़ रहा है। सचिव पवन वधवा ने बताया कि चौथे दिन की रामलीला में अपनाघर आश्रम के अध्यक्ष जगीरचंद फरमा, रिद्धि-सिद्धि कॉलोनी पैशनर समाज एंड सिनियर सिटीजन सोसायटी अध्यक्ष विजय टंडन, पंजाब बिजली बोर्ड में डिप्टी चीफ इंजीनियर बाबूलाल, समाजसेवी सतीश कुमार गर्ग, विवेकानंद ट्रस्ट अध्यक्ष सतीश अग्रवाल और थोक वस्त्र विक्रेता संघ अध्यक्ष शिवनारायण शर्मा रहे।उपाध्यक्ष महेश सारस्वत और कोषाध्यक्ष संजय गोयल ने आयोजन की सुव्यवस्था और जन-सहयोग की सराहना की। गुरमेश धींगड़ा और अनिल काली डोडा ने दर्शकों के लिए बेहतर बैठने की व्यवस्था की बात कही, जबकि महिला विंग की अध्यक्ष मल्लिका धींगडा ने महिला कलाकारों के ड्रेस-अप और मेकअप में अपनी टीम के योगदान को रेखांकित किया।

राम ने राजा जनक(विपिन सचदेवा)के दरबार में शिव धनुष तोड़कर दर्शकों को रोमांचित किया। उनके जोशीले संवाद-यह धनुष नहीं, शिव का अभिमान था ने तालियां बटोरीं। बाणासुर की भूमिका में सूरज सोनी ने अलग ही अंदाज में संवाद अदायगी से जान डाल दी। परशुराम-लक्षमण के तीखे संवाद दार्शनिक गहराई और वीरता का संगम था, जो राम के हस्तक्षेप से शांत हुआ।सीता स्वयंवर में राम(दिनेश शर्मा )और सीता (तान्या सौलंकी) का दृश्य प्रेम और भक्ति का प्रतीक बना। बारात का वैभव, संगीत और "जय सिया राम" के जयकारों ने माहौल को उत्सवी बना दिया। दशरथ (विपिन नारंग) के महल में बहुओं के प्रवेश और राजतिलक का निर्णय भावपूर्ण रहा, जिसमें कौशल्या और कैकेयी की भूमिकाएं उभरीं। महेंद्र जिंदल, अंकित भगत, सूरज सोनी, हरप्रीतकौर, सुषमा बतरा,राधा गुनेजा, दिलनाज, अरुण स्वामी,मंथन, राहुल बंसल जैसे कलाकारों ने मंचन को जीवंत किया। मंच संचालन साक्षी बहल और शिवभगवान सरावगी द्वारा बड़े शानदार अंदाज से किया जा रहा है