केंद्र सरकार पर मनरेगा खत्म करने की साजिश का आरोप, खेत मजदूर का राज्य सम्मेलन का आज अंतिम दिन


खेत मजदूर यूनियन के राज्य सम्मेलन में सांसद अमराराम ने उठाया मनरेगा खत्म करने की साजिश का मुद्दा

श्रीगंगानगर, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन केदो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलनके पहले दिन प्रदेश भर से आए यूनियन प्रतिनिधियों ने शहर के मुख्य मार्गों पर रैली निकाली, जो नेहरू उद्यान में आम सभा में बदल गई। सभा को माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य और सीकर सांसद कामरेड अमराराम, पूर्व विधायक पेमाराम, यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव वी. वेंकट, राज्य अध्यक्ष रामरतन बगड़िया, राज्य महासचिव श्रीमती दुर्गा स्वामी, जिलाध्यक्ष जीतसिंह, जिला उपाध्यक्ष वकीलसिंह, जिला सचिव बलराम, बीकानेर से साहिल, हनुमानगढ़ से रघुवीर वर्मा और बजरंग छिंपा ने संबोधित किया।
नेहरू पार्क में आयोजित सभा में मुख्य वक्ता सांसद अमराराम ने केंद्र की भाजपा सरकार पर मनरेगा योजना को धीरे-धीरे खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि योजना के नियमों में जानबूझकर बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि मजदूरों को काम न मिले और अंततः योजना बंद हो जाए। अमराराम ने सवाल उठाया कि मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में टास्क पूरा न होने पर कटौती की जाती है, लेकिन संसद में 90 प्रतिशत गरीब, दलित और मजदूर वोटों से चुने गए सांसद अपने क्षेत्र के लिए एक भी सवाल नहीं उठाते, फिर भी उनके वेतन में कोई कटौती नहीं होती।

उन्होंने राजस्थान विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी न बोलने वाले विधायकों के वेतन में कोई कटौती नहीं होती, जबकि मेहनतकश मजदूरों की मजदूरी काट ली जाती है। अमराराम ने गरीबों और दलितों के हक के लिए एकजुट होकर लंबा संघर्ष करने का आह्वान किया।

यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव वी. वेंकट ने अंग्रेजी में उद्बोधन देते हुए कहा कि भाजपा ने गुजरात मॉडल के नाम पर देश को गुमराह किया है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में गरीबों और मजदूरों को न रोजगार मिल रहा है, न ही रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। इसके विपरीत, केरल मॉडल कहीं बेहतर है, जहां सरकार ने 5 लाख मकान बनाए और 4 लाख लोगों को रोजगार दिया। वेंकट ने राजस्थान की भाजपा सरकार से सवाल किया कि उसने कितने गरीबों को आवास और रोजगार दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में दलितों, गरीबों और मध्यम वर्ग को राहत मिली है, तो इसका श्रेय सांसद अमराराम को जाता है, जिन्होंने संसद में उनकी आवाज उठाई।
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बगड़िया ने सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह सम्मेलन शिक्षा और बिजली के निजीकरण के खिलाफ केंद्रित रहेगा। मनरेगा को बनाए रखने के लिए संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी। पूर्व विधायक पेमाराम ने भी मनरेगा को साजिशन बंद करने की बात दोहराई और कहा कि मजदूरों को उनकी पूरी मजदूरी नहीं मिल रही। इसके लिए एकजुट होकर संघर्ष जरूरी है।
कामरेड रघुवीर वर्मा ने बिजली के स्मार्ट मीटर योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि गोवा में ब्लैकलिस्टेड कंपनी को राजस्थान में ठेका दिया गया। ये मीटर तेज चलते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल देना पड़ता है। श्रीमती दुर्गा स्वामी ने गांवों में बढ़ते नशे की समस्या पर चिंता जताई और मजदूर परिवारों के युवाओं को इससे बचाने के लिए संघर्ष की जरूरत बताई।

आम सभा के बाद पंचायती धर्मशाला में शाम 4 बजे झंडारोहण के साथ सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन हुआ। खुले सत्र में अन्य यूनियनों और संगठनों के पदाधिकारियों ने शुभकामनाएं दीं। राज्य महासचिव श्रीमती दुर्गा स्वामी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर खुली चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि कल शुक्रवार को संगठनात्मक सत्र होंगे, जिनमें मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी, भूमिहीनों को जमीन और आवासीय पट्टे, बिजली निजीकरण रोकने, स्मार्ट मीटर बंद करने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार, शिक्षा का निजीकरण रोकने और नशे की रोकथाम जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। सम्मेलन में 200 डेलिगेट हिस्सा ले रहे हैं। स्वागत समिति के चंद्रभानु त्यागी और राज्य उपाध्यक्ष भूरामल स्वामी ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

सायंकालीन सत्र में संगठन पर चर्चा

सायं कालीन सत्र में विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने अपने-अपने जिलों में संगठन की गतिविधियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, वहीं अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन की राज्य महासचिव कामरेड दुर्गा स्वामी ने राज्य भर में संगठन की गतिविधियों तथा खेत मजदूर के लिए किए गए संघर्ष और हासिल परिणामों का जिक्र किया किया।
कामरेड दुर्गा स्वामी ने बताया कि राज्य में एक दर्जन से अधिक जिलों में संगठन सक्रिय है मगर अभी भी इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग में संगठन को धीरे-धीरे और मजबूती की ओर ले जाना होगा । इस अवसर पर कामरेड भुरामल स्वामी ने सभी प्रतिनिधियों को खेत मजदूर के लिए पूरी ताकत से कार्य करने को कहा वहीं नरेगा मजदूर के संबंध में भी सचेत रहने की जरूरत बताई । इस अवसर पर जन नाट्य मंच द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गई।